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मेरठ ( meerut news ) किसानों के लिए अच्छी खबर है कि अब उन्हे गन्ना तुलाने के लिए पर्ची की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। प्रदेश के गन्ना किसानों को इस बार डिजिटल गन्ना पर्ची मिलेगी। इससे किसानों को ताे लाभ हाेगा ही साथ ही पर्यावरण संरक्षण भी होगा। इससे कागज बचेगा और चीनी मिलों का पर्ची सिस्टम पर खर्च हाेने वाला करोड़ों रुपया भी बचेगा।
डिजिटल गन्ना पर्ची सिस्टम काे ट्रायल के रूप में शुरू किया गया था। शत-प्रतिशत गन्ना पर्ची का प्रयोग सफल होने पर अब अपर मुख्य सचिव गन्ना विकास व चीनी उद्योग तथा गन्ना आयुक्त संजय आर भूसरेड्डी ने अब कागज पर गन्ना पर्ची की छपाई को बंद करने का आदेश जारी कर दिए हैं। किसानों को मोबाइल पर पर्ची मिलने से बिचौलियों का बर्चस्व भी खत्म होगा और उन्हें चीनी मिल को गन्ना आपूर्ति करने के लिए पर्याप्त समय भी मिल जाएगा।
ईआरपी सिस्टम से रचा इतिहास, बना रिकार्ड
गन्ना विभाग का माफियाराज दूर करने के लिए एसआइएस (शुगरकेन इंफार्मेशन सिस्टम) के बाद ईआरपी ( इंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग ) सिस्टम लागू किया गया। अत्याधुनिक साफ्टवेयर वाले इस सिस्टम की मदद से ई गन्ना एप लांच किया गया। डिजिटल पर्ची के साथ कई हाईटेक सेवाएं शुरू की गई। एसएमएस गन्ना पर्ची सर्वाधिक प्रभावी हितकारी साबित हुई। इससे किसानों को पर्ची के इंतजार व खोने के टेंशन से मुक्ति मिल गई।
लॉकडाउन ने लगाई मुहर गत पेराई सत्र में ट्रायल के रूप में शुरू
डिजिटल पर्ची का प्रयोग लॉकडाउन में 47 लाख 21 हजार गन्ना आपूर्तिकर्ता किसानों के लिए वरदान साबित हुआ। अपर मुख्य सचिव ने कोविड संक्रमण से बचाव के लिए डिजिटल पर्ची पर गन्ना खरीद शुरू करा दी। इससे किसानों को तो राहत मिली ही विभाग का प्रति पर्ची 1.25 का खर्च भी बचा। डिजिटल गन्ना पर्ची से प्रतिवर्ष दाे हजार पेड़ कटने से बच जाएंगे।
बिचौलियों पर अंकुश
कोविड 19 से बचाव तथा किसानों को समय से पर्ची वितरण के लिए कागज पर गन्ना पर्ची की छपाई बंद कर दी गई है। इससे विभाग के बजट के साथ पेड़ भी बचेंगे। एसएमएस गन्ना पर्ची से ही अब गन्ना खरीद होगी।
यह भी होंगे लाभ
यह गन्ना पर्ची किसान के मोबाइल पर महज पांच सेकंड में पहुंच जाएगी। गन्ना आपूर्ति के लिए किसानों को पर्याप्त समय मिलेगा सीधे किसान के मोबाइल पर्ची आने से पारदर्शिता आएगी। बिचौलिया का बर्चस्व खत्म होगा, समय की बचत होगी। चीनी मिलों से ताजा गन्ना मिलेगा और रिकवरी बढ़ेगी। पर्ची वितरण का बजट व पर्ची खाेने का टेंशन नहीं रहेगा। गन्ना विभाग के जिला जनसंपर्क अधिकारी उपेंद्र सिंह ने बताया कि मेरठ मंडल में पहले भी इस तरह का प्रयोग लॉकडाउन के दौरान किया गया था जो कि काफी सफल रहा था। अब इसको पूरे प्रदेश भर में लागूू कर दिया गया है। इससे किसानों को बहुत लाभ होगा।
Updated on:
01 Sept 2020 06:58 pm
Published on:
01 Sept 2020 06:28 pm
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