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CCS University : विवि में शिक्षक पदों की भर्ती में नियमों की अनदेखी पर गवर्नर ने वीसी से मांगा जवाब

CCS University चौधरी चरण सिंह विवि में शिक्षक पदो पर भर्ती को लेकर नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाया गया है। जिसको लेकर राज्यपाल को भी शिकायती पत्र भेजा गया है। जिससे विवि प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है। वहीं गर्वनर को भेजे गए पत्र पर हरकत में आया गर्वनर हाउस ने चौधरी चरण सिंह विवि की कुलपति को पत्र भेजकर इस मामले में स्पष्टीकरण मांगा है।

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मेरठ

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Kamta Tripathi

Mar 09, 2022

CCS University : विवि में शिक्षक पदों की भर्ती में नियमों की अनदेखी पर गवर्नर ने वीसी से मांगा जवाब

CCS University : विवि में शिक्षक पदों की भर्ती में नियमों की अनदेखी पर गवर्नर ने वीसी से मांगा जवाब

CCS University चौधरी चरण सिंह विवि में सेल्फ फाइनेंस कोर्स के लिए सहायक शिक्षक और सह आचार्य के 72 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला गया था। विवि की ओर से निकाली गई इन रिक्तियों में आरक्षित वर्ग की पूरी तरह से अनदेखी की गई। यानी अनुसूचित जाति,अनुसूचित जनजाति,पिछड़ों और दिव्यांग के निर्धारित कोटे का भर्ती में कोई उल्लेख नहीं किया गया। ये 72 भर्तियां जनवरी 2022 में निकाली गई थी। जिसको विवि की वेबसाइट पर भी अपलोड किया गया था। लेकिन निकाले गए पदों में किस वर्ग के लिए कितने पद आरक्षित हैं इसका कोई उल्लेख नहीं किया गया। जबकि नियमानुसार विवि द्वारा जो भी भर्ती निकाली जाती है उनमें आरक्षित पदों का भी उल्लेख किया जाता है। इन पदों में धांधली की आशंका जताते हुए शोषित क्रांति दल के अध्यक्ष रविकांत ने प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल से लिखित शिकायत की है। शिकायती पत्र को गर्वनर हाउस ने संज्ञान में लिया है और इस बारे में चौधरी चरण सिंह विवि की वीसी प्रोफेसर संगीता शुक्ला से स्पष्टीकरण मांगा है।


गर्वनर को भेजे गए पत्र में आरोप लगाए हैं कि "विश्वविधालय का विज्ञापन केंद्र सरकार व राज्य सरकार के आरक्षण संबंधी नियमों का उल्लंघन कर रहा है। रविकांत ने अपने शिकायती पत्र के माध्यम से राज्यपाल को इस भर्ती में हस्ताक्षेप कर इसमें तुरंत रोक लगाने की मांग की है।

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उन्होने कहा कि विश्वविधालय प्रशासन खुले तौर पर दलितों और वंचितों के अधिकारों का हनन करने कि कोशिश कर रहा है। चौधरी चरण सिंह विश्वविधालय उच्च शिक्षा का संस्थान है जहां जिम्मेदार उच्च अधिकारी शिक्षित हैं और वे संवैधानिक प्रक्रियाओं को भली-भांति जानते हैं, इसे बार भी इस तरह की चूक को लापरवाही ही कहा जाएगा। इस पूरे प्रकरण में उन्होंने इस मामले की जांच उच्च स्तरीय स्तर पर कराने को कहा है। इसमें कुलपति सहित जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की गई है।