यह भी पढ़ेंः नरेंद्र मोदी सरकार की नर्इ योजना में लाइसेंसी सप्लायर से खरीद सकेंगे घर के लिए बिजली, जानिए इसके बारे में यह है टीडीएस आैर टीसीएस टीडीएस (Tax Deducted at Source) किसी व्यक्ति की आय पर टैक्स काटकर उसे शेष धनराशि दी जाए तो काटी गर्इ धनराशि को कहते हैं। यह टीडीएस कर्इ तरह के आय स्रोतों से काटा जाता है, लेकिन यह भी है कि टीडीएस प्रत्येक आय आैर प्रत्येक लेन-देन पर लागू नहीं होता। टीसीएस (Tax Collected at Source) में विक्रेता खरीदार से टैक्स वसूलता है। टीसीएस के जरिए ही ज्यादा खर्च के बावजूद कम टैक्स का भुगतान के मामले पकड़ मेंं आते हैं।
यह भी पढ़ेंः तत्काल टिकट के जरिए रेल यात्रा करने से पहले ये नियम जरूर जान लें ‘नर्इ प्रणाली जल्द तैयार करनी होगी’ ईवाई के कर भागीदार अभिषेक जैन ने कहा कि ई-कॉमर्स कंपनियों को टीसीएस के लिए तथा विभिन्न सार्वजनिक उपक्रमों, सरकारी कंपनियों को टीडीएस के लिए अपनी प्रणाली जल्द तैयार करनी होगी ताकि वे एक अक्टूबर से इस प्रावधान का अनुपालन कर सकें। कम समय को देखते हुए उद्योग को अब कमर कस लेना चाहिए। एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के भागीदार रजत मोहन ने कहा कि इन दोनों प्रावधानों से अर्थव्यवस्था में कर प्राधिकार की पहुंच और बढ़ेगी और व्यापक रूप से अप्रत्यक्ष कर के साथ प्रत्यक्ष कर की होने वाली कर चोरी पर लगाम लगेगी।