संगठन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पंडित अशोक शर्मा और अभिषेक अग्रवाल ने कहा कि यह मामला पीएसी जवानों की सरकारी ड्यूटी के दौरान का है, इसलिए सरकार का अधिकार बनता है कि वह सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में अपील करें। इन दोनों हिन्दूवादी नेताओं ने तर्क दिया कि सरकार अगर ऐसा नहीं करती है तो पुलिस और फोर्स में काम करने वाले सरकारी कर्मियों का सरकार पर से विश्वास उठ जाएगा। हिन्दू महासभा ने कोर्ट द्वारा दोषी करार दिए गए 16 पीएसी जवानों को अपना समर्थन दिया और कहा है कि उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ हिन्दू महासभा शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाएगी।
वहीं, अभिषेक अग्रवाल ने कहा कि जिस तरह से हाशिमपुरा कांड को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने अब तक 31 साल बाद जो उन 18 पीएसी के जवानों के खिलाफ अपना फैसला सुनाया है। वह कहीं न कहीं त्रुटिपूर्ण है। उन्होंने कहा कि वैसे न्यायलय सर्वोपरि हैं और उप्र सरकार को इस विषय में सुप्रीम कोर्ट में इस सजा के खिलाफ अपील करनी चाहिए, क्योंकि यह सारा घटनाक्रम डयूटी के दौरान हुआ था। उन्होंने कहा कि इस समय भाजपा की सरकार है और सरकार की चुप्पी से इसमें भाजपा के तुष्टिकरण की राजनीति साफ नजर आ रही है। उन्होंने कहा कि अगर भाजपा पीएसी जवानों के बचाव में कुछ नहीं करती है तो हिन्दू महासभा सुप्रीम कोर्ट में जवानों की पैरवी करेगी और मुकदमे का पूरा खर्च वहन करेगी। गौरतलब है कि आरोपी ठहराए गए पीएसी के तीन जवानों का निधन हो चुका है।