
रिश्वतखोरी मामले में हेड कांस्टेबल बर्खास्त दो एटीआई सस्पेंड,इंस्पेक्टर की रिपोर्ट शासन को भेजी
रिश्वतखोर कर्मचारियों पर उनके संबंधित विभागों ने सख्ती करते हुए कार्रवाई की है। मेरठ एसएसपी रोहित सिंह सजवाण ने रिश्वत मामले में नामजद हेड कांस्टेबल मनमोहन सिंह को बर्खास्त कर दिया है। वहीं रिश्वतखोर इंस्पेक्टर बिजेंद्र सिंह राणा की रिपोर्ट को शासन भेज दिया है। दूसरी ओर छावनी परिषद सीईओ ज्योति कुमार ने रिश्वत के मामले में रंगे हाथों सीबीआई द्वारा पकड़े गए सैनिटरी सुपरवाइजर संजय कुमार को निलंबित कर दिया है। सुपरवाइजर इस समय मेरठ जेल में बंद है। बसों में टिकट चेकिंग के नाम पर चालक-परिचालकों से रिश्वत मांगने के आरोप में दो सहायक यातायात निरीक्षकों (एटीआई) को भी रोडवेज विभाग ने निलंबन की कार्रर्वाई की गई है।
सदर बाजार थाने के तत्कालीन इंस्पेक्टर बिजेंद्र सिंह राणा और हेड कांस्टेबल मनमोहन के खिलाफ एक सितंबर 2021 को भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज हुआ था। आरोप था कि बीमे का क्लेम लेने के लिए गाजियाबाद निवासी इमरान ने दो साल पहले सेटिंग करके ट्रक चोरी का मुकदमा सदर थाने में दर्ज कराया था। इसकी शिकायत मिलने पर तत्कालीन एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने इसकी जांच इंस्पेक्टर बिजेंद्र से कराई थी। पुलिस ने इमरान और खतौली निवासी उनके रिश्तेदार वकार से पूछताछ की थी। आरोप लगाया गया कि वकार और इमरान को थाने से छोड़ने के लिए इंस्पेक्टर और हेड कांस्टेबल ने रिश्वत ली है। रिश्वत के 30 हजार रुपये हेड कांस्टेबल से बरामद भी हुए थे। उस दौरान ही सिपाही को पुलिस ने जेल भेजा था। जबकि इंस्पेक्टर लंबी छुटटी पर चला गया था।
इस मामले की जांच एसपी ट्रैफिक जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव कर रहे हैं। एसएसपी रोहित सिंह सजवाण ने बताया कि हेड कांस्टेबल के खिलाफ रिश्वत लेने के पुख्ता सुबूत मिले हैं। इंस्पेक्टर बिजेंद्र राणा के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने की मेरठ पुलिस ने शासन से अनुमति मांगी है। इसकी रिपोर्ट शासन को भेजी गई है। इंस्पेक्टर ने हाईकोर्ट से स्टे लिया हुआ है। इंस्पेक्टर की पोस्टिंग पुलिस लाइन में है।
Published on:
14 Oct 2022 02:32 pm
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