11 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

किसान आंदोलन में विपक्ष की एंट्री के बाद मेरठ जोन में हाईअलर्ट

Highlights: -गाजीपुर बार्डर और मुजफ्फरनगर फिर से किसान सियासत का केंद्र -एडीजी और आईजी ने संभाला मोर्चा

2 min read
Google source verification

मेरठ

image

Rahul Chauhan

Jan 29, 2021

up-police.jpg

tadipar criminal make fake crime branch police in jabalpur

पत्रिका न्यूज नेटवर्क

मेरठ। किसान आंदोलन में विपक्षी नेताओं की एंट्री और गाजीपुर बार्डर के किसान सियासत का केंद्र फिर से बनने से पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी सतर्क हो गए हैं। वहीं मुजफ्फरनगर में भाकियू की रैली ने भी सरकार के लिए परेशानी खड़ी कर दी है। इन सभी को लेकर मेरठ जोन में एक बार फिर से हाईअलर्ट घोषित कर दिया गया है। गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों का धरना खत्म कराने की जिम्मेदारी पुलिस को सौंपी गई है। इसके मद्देनजर एडीजी राजीव सभरवाल और आईजी प्रवीण कुमार ने कमान संभाल ली है। दोनों अधिकारी किसान नेताओं और किसानों से लगातार बातचीत कर रहे हैं।

यह भी पढ़ें: राकेश टिकैत की आंखों में छलके आंसू तो एकजुट हुए अन्नदाता, हजारों किसानों ने भरी हुंकार

इस बीच पश्चिमी यूपी में इसके मद्देनजर अप्रिय घटनाएं रोकने के लिए सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा कर दिया गया है। पुलिस ने किसानों को धरना स्थल पर फिर से न पहुंचाने की जिम्मेदारी संभाल ली है। जोन के सभी जिलों की पुलिस को निर्देश दिए गए हैं कि स्थानीय लोगों से बातचीत कर कानून-व्यवस्था को कायम रखा जाए। सभी जिले के कप्तान गाजीपुर बॉर्डर पर बैठे किसानों के बारे में अपडेट भी ले रहे हैं। पुलिस का दावा है कि मेरठ, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, सहारनपुर, बागपत और शामली से किसान आंदोलन में शामिल होने वाले किसानों की वीडियोग्राफी कराई गई थी। अब किस जनपद से कितने किसान दिल्ली पहुंचे हैं, इसकी जानकारी मांगी जा रही है

यह भी देखें: मेला रामनगरिया शुरू, सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

खुफिया विभाग ने नहीं दिया था इनपुट दिल्ली में हुए बवाल का अंदेशा पहले से था। हालांकि खुफिया विभाग ने इसका कोई इनपुट नहीं दिया था। हिंसा के बाद अब खुफिया विभाग भी सतर्क हो गया है। पुलिस के साथ-साथ खुफिया विभाग भी रोजाना जिले के गांव तक भी नजर लगाए हुए हैं। बताया जाता है कि आंदोलन से निपटने के बाद इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों पर इस लापरवाही की गाज गिर सकती है। वही आज इस पर भी नजर रखी जा रही है कि मुजफ्फरनगर में किसानों की आज की रैली में कितने किसान पहुंचते हैं। खुफिया जांच एजेंसियों ने मुजफ्फरनगर में डेरा डाल दिया है।