
मेरठ। मेरठ की चौधरी चरण सिंह जेल में बंद चल रहे हस्तिनापुर से बसपा के पूर्व विधायक योगेश वर्मा पर हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है। हाईकोर्ट के इस फैसले से भाजपा सरकार की किरकिरी हुई है। वहीं डीएम मेरठ के आदेश को भी हाईकोर्ट ने मानने से इनकार कर दिया है। योगेश वर्मा वर्तमान में पुलिस हिरासत में अपना इलाज मेरठ के मेडिकल कालेज में करा रहे हैं। योगेश वर्मा किडनी में पथरी की बीमारी से पीड़ित हैं और चिकित्सकों ने उनको आपरेशन की सलाह दी है। कुछ दिन पूर्व उनको जेल से मेरठ मेडिकल कालेज में भेजा गया था। जहां पर उनका इलाज चल रहा है।
हार्इकोर्ट ने डीएम के आदेश को पलटा
योगेश वर्मा की पत्नी सुनीता वर्मा मेरठ की महापौर हैं। वह भाजपा की मेयर पद की प्रत्याशी कांता कर्दम को चुनाव में हराकर चुनाव जीती थी। हाईकोर्ट ने मेरठ के हस्तिनापुर सीट से पूर्व बसपा विधायक योगेश वर्मा को बड़ी राहत दी है। हाईकोर्ट ने डीएम के रासुका लगाने के आदेश को रद्द कर दिया है। हाईकोर्ट ने पूर्व विधायक को जल्द ही रिहा करने का आदेश दिया है। बताते चलें कि बीती दो अप्रैल को एससी-एसटी एक्ट में परिवर्तन को लेकर मेरठ में हुई हिंसा में पूर्व विधायक को दोषी बताया गया था। जिस पर उन्हें उसी दिन गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। कुछ दिन बाद उन पर जेल मे ही रासुका लगा दी गई थी। जिससे वे तब से जेल में बंद थे। पूर्व विधायक योगेश वर्मा ने रासुका के तहत की गई कार्रवाई को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। जिस पर बुधवार को जस्टिस वीके नारायण और जस्टिस आरएन कक्कड़ की खंडपीठ ने सुनवाई कर बसपा के पूर्व विधायक को रिहा करने के आदेश दिए।
महापौर बोली सत्य की जीत
बसपा नेता योगेश वर्मा की रिहाई के बारे में जब उनकी पत्नी महापौर सुनीता वर्मा से जानकारी ली गई तो उन्होंने कहा कि यह सत्य की जीत है। भाजपा को जो करना था उसने किया। महापौर के चुनाव में भाजपा हार से बौखलाई हुई थी। इसी कारण उनके बदला लेने के लिए ही यह हथकंड़े अपनाए थे।
Published on:
20 Sept 2018 10:18 am
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