
शादी के 38 साल बाद पति ने पंचायत में दे दिया तलाक
मेरठ। तलाक का दर्द क्या होता है, यह तो वही जानता है जिसके ऊपर यह विपदा पड़ती है। तीन तलाक के दर्द से मुस्लिम महिलाएं ही नहीं बल्कि हिन्दू समाज की महिलाएं भी इस पीड़ा को झेल रही हैं, लेकिन तीन तलाक से सर्वाधिक मुस्लिम महिलाएं पीड़ित हैं। सरकार द्वारा आज लाए गए अध्यादेश के बाद 38 साल बाद मिले तीन तलाक का दंश झेल रही महिला ने खुशी महसूस की। उसका कहना है कि काश कुछ दिन पहले सरकार अध्यादेश लेकर आती तो शायद उसका शौहर उसे तलाक नहीं दे पाता।
पति ने प्रेम प्रसंग के कारण दिया तलाक
शबीना (काल्पनिक नाम) मुजफ्फरनगर की निवासी है। उसका निकाह मेरठ में 38 साल पहले लिसाड़ी गेट निवासी एक व्यक्ति से हुआ था। महिला के बच्चे भी बड़े हैं। उसके तीन लड़के हैं। शबीना ने आरोप लगाया कि उसके पति का मोहल्ले की ही एक महिला से प्रेम प्रसंग चल रहा है। उसने जब पति की इस हरकत का विरोध किया तो पति ने उसे तलाक की धमकी दे डाली। विरोध करने पर पति प्रतिदिन उसको प्रताड़ित करता था और पीटता था। जब दोनों तरफ के रिश्तेदारों को बैठाकर पंचायत की गई। तो उसके पति ने उन सबके सामने ही भरी पंचायत में तीन बार तलाक बोल दिया। पति के मुंह से तलाश के ये शब्द उसके लिए किसी जहर से कम नहीं थे। महिला अपने बच्चों को लेकर परिजनों के साथ चली गई।
पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया
इसके बाद शबीना ने थाने में पति के खिलाफ तहरीर दी, लेकिन थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया। आज जब शबीना ने सुना कि तीन तलाक पर केंद्र सरकार अध्यादेश लेकर आई है तो उसने इस पर खुशी जाहिर की। उसका कहना था कि भले ही उसे तलाक मिल गया हो, लेकिन वह कानून बनने के बाद अपने पति को छोड़ेगी नहीं। उस पर केस जरूर करेगी। उसने अभी लड़ाई हारी नहीं है।
Published on:
19 Sept 2018 06:55 pm
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