18 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Gold Rate: 16 वर्षों में 7 हजार से 56 हजार तक पहुंचे सोने के रेट, जानिये कब-कब कितना बढ़ा भाव

Highlights: — पिछले 3 साल में ही 27 हजार रुपये बढ़ गए दाम — सुरक्षित निवेश के मामले में सोने ने भरी खूब ऊंची उड़ान — नौ साल में तीना गुना ज्यादा बढोत्तरी

2 min read
Google source verification

मेरठ

image

Rahul Chauhan

Feb 09, 2021

gold.jpg

पत्रिका न्यूज नेटवर्क

मेरठ। सोना इस समय निवेशकों के लिए सबसे अधिक भरोसे का सौदा माना जा रहा है। बैंक की एफडी या फिर डाकखाने की फिक्स डिपोजिट हो, इन सबसे विमुख होकर निवेशक सोने की ओर रूख कर रहे हैं और इसमें निवेश कर रहे हैं। कारण पिछले डेढ दशक यानी 15 साल में सोना 7 हजार से 56 हजार तक पहुंच गया। यानी पिछले 15 साल में आठ गुना बढ गए दाम। सोचिए जिसने भी सोने में निवेश किया उसको आठ गुना तक फायदा हुआ। मेरठ स्थित एशिया की सबसे बड़ी आभूषण मंडी के जानकारों का कहना है कि पिछले 16 वर्षों में सोने ने खूब उछाल मारी। इस दौरान सोना 7000 से 56000 प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गया।

यह भी पढ़ें: घर बनाना हुआ आसान, सस्ता हुआ सीमेंट ताे ईंट और सरिये के भी गिर गए दाम

सात अगस्त 2020 को 56 हजार रुपए प्रति दस ग्राम पर पहुंचने के बाद अब सोना लगातार नीचे आ रहा है। अब तक सोने के जेवरों में करीब 10 हजार रुपये तक की गिरावट दर्ज की जा चुकी है। दूसरी ओर 2006 में सोना 9 हजार रुपए प्रति दस ग्राम के आसपास था, जो 2016 में 31 हजार रुपए प्रति दस ग्राम तक पहुंच गया था। यानी नौ साल में तीन गुना से ज्यादा बढ़ोतरी। इसके बाद 2017 में मामूली बढ़ोतरी के बाद सोने की कीमतें 2018 में गिरकर 29000 पर आईं। सोने की चमक एक बार फिर 2019 में बढ़ी और 10000 रुपये प्रति 10 ग्राम की उछाल के साथ 39000 पर पहुंच गई। सोने की उड़ान यहीं नहीं थमी। सोने के रेट में तेजी का सिलसिला 2020 में भी जारी रहा और यह 17000 रुपये की जबरदस्त छलांग के साथ ऑलटाइम हाई 56254 पर पहुंच गया। क्योंकि ब्याज दरें इतनी कम हो गईं कि निवेश के लिहाज से सोना सबसे बेहतर साबित हुआ। बता दें जब-जब ब्याज दरें घटती हैं, तब सोने में निवेश बढ़ता है।

शेयर बाजार में गिरावट होते ही बढ़ जाते हैं पीली धातु के दाम :—

शेयर मार्केट और सोने के बीच संबंध कुछ ऐसा है कि जब-जब शेयर मार्केट में गिरावट दर्ज होती है या मंदी की आहट होती है, पीली धातु की रफ्तार बढ़ जाती है। ब्याज दरों में गिरावट होगी। आज देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में बैंक की ब्याज दरें एक दशक में सबसे कम हैं। आज की तारीख में रेपो रेट सिर्फ 4 प्रतिशत के आसपास है। ब्याज दरें कम हैं, ऐसे में लोगों के लिए सोना ही निवेश का बेहतर विकल्प बना हुआ है।

यह भी देखें: अधिवक्ता संघ का चुनाव परिणाम हुआ घोषित

2020 में ही आ गई थी 25 फीसदी की तेजी :—

कोरोना वायरस के प्रभाव को कम करने के लिए दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों और सरकारों द्वारा राजकोषीय उपायों ने पिछले साल सोने की कीमतों में 25 फीसदी से अधिक की वृद्धि की थी, जबकि चांदी लगभग 50 फीसदी बढ़ गई थी। सोने को महंगाई और मुद्रा में आई गिरावट से सुरक्षा देने वाला माना जाता है।

16 साल में सोने की छलांग

साल कीमत (रुपये/10 ग्राम)

2005: 7000

2006: 9000

2007: 10800

2008: 12500

2009: 14500

2010: 18000

2011: 25000

2012: 32000

2013: 33000

2014: 30000

2015: 28700

2016: 31000

2017: 31400

2018: 29000

2019: 39000

2020: 56000

2021: 47237


बड़ी खबरें

View All

मेरठ

उत्तर प्रदेश

ट्रेंडिंग