
meerut police
पत्रिका न्यूज नेटवर्क
मेरठ. (meerut news) सरकार की लाख सख्ती के बाद भी निजी अस्पतालों की मनमानी पर अंकुश नहीं लग पा रहा। अस्पताल की निरंकुशता का एक और मामला सामने आया है। मरीज की मौत के बाद अस्पताल ने मृतक के परिजनों काे 70 हजार रुपये बिल सौंप दिया और साफ कह दिया कि 70 हजार ले आओं शव ले जाओ। अस्पताल के इस व्यवहार से गुस्साए परिजनों ने हंगामा कर दिया। बाद में पहुंची पुलिस ( Meerut Police ) ने हंगामा शांत कराकर शव परिजनों को दिलवाया।
हापुड़ रोड निवासी गुलफाम को सांस लेने में परेशानी के चलते शास्त्री नगर स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया था। भर्ती होने के दूसरे दिन गुलफाम की मृत्यु हो गई। परिजनों ने शव ले जाने की प्रक्रिया शुरू की तो अस्पताल ने परिजनों को शव उठाने से राेक दिया और कहा कि पहले 70 हजार रुपये का बिल देना हाेगा। परिजनाें के अनुसार अस्पताल ने दो दिन में ही उन्हे 70 हजार रुपये का बिल थमा दिया। परिजन गुहार लगाते रहे लेकिन अस्पताल प्रशासन ने शव देने से साफ शब्दों में इंकार कर दिया। परिजनों के कुछ समर्थक अस्पताल जा पहुंचे और हंगामा कर दिया। काफी देर नोकझोंक होती रही। बाद में पहुंची थाना नौचंदी पुलिस ने दस हजार रुपये दिलवाकर मामले को शांत कराया और परिजनाें काे शव मिल सका।
यह पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी निजी अस्पतालों में ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं। अकेले मेरठ में कोरोना काल में ऐसे छह से अधिक मामले हाे चुके हैं जब अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही और अधिक बिल वसूलने के आरोप लगे हैं।
Updated on:
27 May 2021 12:59 pm
Published on:
27 May 2021 11:07 am
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