फल सेहत के लिए
विटामिन और
प्रोटीन के अलावा अन्य खनिजों का खजाना होते हैं। लोग अपनी सेहत दुरूस्त करने के लिए फलों का सेवन करते हैं। कुछ फल मौसमी होते हैं जो कि साल में एक बार ही दो-तीन महीने के लिए बाजार में आते हैं। इन मौसमी फलों में लीची भी एक ऐसा ही फल है जो कि साल में एक बार मई से लेकर जुलाई तक बाजारों में रहता है। इस दौरान इस फल की भरमार होती है और लीची के शौकीन मजे से इसके रस और गूदे का आनंद लेते हैं लेकिन यहीं लीची सेहत के लिए नुकसान दायक भी होती है।
विशेषज्ञों के अनुसार अधिक मात्रा में लीची खाने से शुगर बढ़ सकती है और शुगर बढ़ने से कोरोना भी हो सकता है। डॉक्टर
संजीव खरे का कहना है कि फल कोई भी हो अगर उसे अधिक मात्रा में खाया जाए तो नुकसान करता ही है। लीची में विटामिन सी, विटामिन बी6, नियासिन, राइबोफ्लेविन, फोलेट, तांबा, पोटेशियम, फास्फोरस, मैग्निशियम और मैगनीज जैसे खनिज पाए जाते हैं। रोजाना लीची का सेवन करने से बढ़ती उम्र के लक्षण कम नजर आते हैं। इसके साथ ही ठीक ढंग से शारीरिक विकास होता है। हालांकि लीची खाने के अधिक नुकसान भी होते हैं। इसके कारण आपको एलर्जी के साथ कई समस्याओं का सामना कतरना पड़ सकता है।
कच्ची लीची का सेवन अगर खाली पेट आधी पकी हुई लीची खाते हैं तो आपके लिए जानलेवा साबित हो सकता है। दरअसल कच्ची लीची के फल में हाइपोग्लाइसीन ( ए ) और मेथिलीनसाइक्लोप्रोपाइल-ग्लाइसिन ( एमसीपीजी ) टॉक्सिन्स होते हैं जो अत्यधिक मात्रा में होने पर उल्टी का कारण बन सकते हैं। लीची उन लोगों में एलर्जी का कारण बन सकती है जिन्हें बर्च, सूरजमुखी के बीज और एक ही परिवार के अन्य पौधों, मगवॉर्ट और लेटेक्स से एलर्जी है। ऑटो-प्रतिरक्षा रोग जैसे कि मल्टीपल स्केलेरोसिस (एमएस), ल्यूपस (सिस्टमिक ल्यूपस एरिथेमेटोसस, एसएलई), रुमेटीइड गठिया (आरए), या अन्य स्थितियां में लीची इम्यून सिस्टम को अधिक सक्रिय होने का कारण बन सकती है। इससे ऑटो-इम्यून बीमारियों के लक्षण बढ़ सकते हैं। यदि आपके पास ऑटो-प्रतिरक्षा की स्थिति है, तो लीची का सावधानी से उपयोग करना सबसे अच्छा है।
लीची का रस
ब्लड शुगर के स्तर को कम कर सकता है। यदि आपको डायबिटीज है और लीची खा रहे हैं तो लगातार ब्लड शुगर ( blood suger ) मॉनिटर करते रहे। लीची खाने से
हाइपरटेंशन, तनाव, सांस की समस्या सब दूर होती है लेकिन यही अगर ज्यादा मात्रा में खा लिया जाए तो इससे शरीर में ब्लड प्रेशर कम हो सकता है जिसके कारण सुस्ती, बेहोशीपन, थकान की समस्या हो जाती है। अगर आप ब्लड प्रेशर की दवाइयां खाते हैं तो ऐसे में आपको लीची खाने में सावधानी बरतनी चाहिए।