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पाॅलिटेक्निक के छात्रों के लिए यह सुविधा बहुत काम आएगी, जानिए इसके बारे में…

पाॅलिटेक्निक संस्थानों के लिए मोदी सरकार ला रही 'डिजिटल इंडिया' की सौगात  

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मेरठ। आधुनिकता के साथ तकनीकी शिक्षा को और अधिक बेहतर बनाने का प्रयास स्कूल स्तर से किए जा रहे हैं। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने देश भर की पॉलिटेक्निक संस्थानों के छात्रों को बेहतर ज्ञान उपलब्ध कराने के लिए योजना शुरू की है। इसके तहत उन्हें डिजिटल इंडिया के तहत डिजिटल लाइब्रेरी उपलब्ध कराई जाएंगी। इसमें उन्हें पुस्तकों के साथ आनलाइन पुस्तक, जर्नल और शोध कार्य पढ़ने की सुविधा मिलेगी। इसके साथ ही पुस्कालय में ही साॅफ्टवेयर उपलब्ध होंगे। डिजिटल लाइब्रेरी में छात्रों को नवीनतम पुस्तकों के साथ आॅनलाइन शिक्षण सामग्री भी उपलब्ध कराई जाएगी। इससे वह देश-दुनिया की जानकारी हासिल कर सकेंगे।

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इंटरनेट नहीं साॅफ्टवेयर होगा तैयार

यह केवल इंटरनेट तक सीमित नहीं होंगे, बल्कि साॅफ्टवेयर तैयार होंगे। उन्हें तकनीकी शिक्षण सामग्री मिलेगी। इसमें केंद्र और राज्य सरकार दोनों से बजट मिलेगा।

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राजकीय पॉलिटेक्निक के पुस्तकालय बेहद दयनीय

प्रदेश के राजकीय पॉलीटेक्निक कालेजों के पुस्तकालयों की व्यवस्था बेहद दयनीय है। छात्रों को सही और मानक वाली किताबें को लेकर परेशानी होती है। तकनीकी शिक्षा में उनके पिछड़ने यह एक कारण रहता है। इसके साथ ही देश-दुनिया में होने वाले वाले शोध और तकनीकी में बदलाव और अपडेट की जानकारी नहीं मिल पाती। पुस्तकालय में समय के साथ अपडेट पुस्तकें नहीं मिल पाने के कारण शिक्षक पुराने पढ़े हुए को पढ़ाते हैं, जबकि एक साल में तकनीक और प्रौद्योगिकी कहीं से कहीं पहुंच जाती है। यह छात्र जब पढ़ाई पूरी कर जॉब की तलाश में आते हैं तो इंडस्ट्री की डिमांड के अनुरूप मांग पूरी नहीं कर पाते। इसी गैप को भरने के उद्देश्य से डिजीटल पुस्तकालय की योजना शुरू की गई है।

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केंद्र्र सरकार की मिली गाइडलाइन

इसके अनुसार कार्यक्रम तैयार किया जा रहा है। खरीद शासन स्तर से होनी है। अभी तो लाइब्रेरियन का पद तक खाली है। पॉलिटेक्निक पाठ्यक्रम के भरोसे ही चलती है शिक्षा राजकीय पॉलीटेक्निक में शिक्षा केवल पाठ्यक्रम के भरोसे चलती है। जो पाठ्यक्रम निर्धारित है उतना ही पढ़ाया जाता है। जबकि वक्त की जरूरत के अनुसार उन्हें कहीं विस्तृत ज्ञान की आवश्यकता होती है। उद्यमिता के क्षेत्र में जाने के लिए किताबों से आगे निकलकर सोचने की आवश्यकता है। उप्र पाॅलिटेक्निक के कार्यकारी अधिकारी अशोक कुमार के अनुसार सरकार की योजना अच्छी है। इस पर जल्द से अमल होगा।