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VIDEO: इस पाकिस्तानी टैंक की देख-रेख करती है भारतीय सेना, जानिए क्यों

Highlights: -कैंट चौराहे पर रखे इस टैंक पर उर्दू में आज भी लिखा है नाम -1965 में भारत—पाक युद्ध में जीता गया था पैटन टैंक -भारतीय सेना अपने गौरव के रूप में देखती है इसको

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मेरठ

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Rahul Chauhan

Jul 02, 2020

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केपी त्रिपाठी

मेरठ। मेरठ छावनी का कैंट चौराहा। जहां पर आज भी एक पैटन टैक 1965 से रखा हुआ है। इस पैटन टैक की खासियत यह है कि यह है तो पाकिस्तानी लेकिन इसका रखरखाव भारतीय सेना करती है। करें भी क्यो न। आखिर इस टैंक को पाकिस्तान से भारतीय सेना ने जीता था। इस टैक पर आज भी पाकिस्तान की राष्ट्रभाषा उर्दू में उसका नाम लिखा है। भारतीय सेना की जीत का गौरव ये पाकिस्तानी पैटन टैक से उर्दू में लिखा पाकिस्तान का नाम आज तक नहीं हटाया गया। हालांकि यह टैंक कई बार यहां से हटाकर विभिन्न सेन्य प्रदर्शनियों के लिए यहां से ले जाया गया। लेकिन उसके बाद फिर से इसे इसी स्थान पर लाकर रखा गया।

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यह टैंक 1965 युद्ध की स्वर्ण जयंती प्रदर्शनी की भी शोभा बढा चुका है। 2015 में भारतीय सेना ने 1965 युद्ध की स्वर्ण जयंती मनाई थी। उस दौरान विभन्न जगहों पर सेना के कार्यक्रम भी आयोजित किए गए थे। मेरठ छावनी में कार्यक्रम आयोजित किए गए। दिल्ली में 28 अगस्त से 22 सितंबर 2015 तक कार्यक्रम आयोजित किए गए थे। इसमें 1965 युद्ध की सभी यादों की प्रदर्शनी लगाई गई थी। सेना पूरे देश से आर्मी, एयरफोर्स और नेवी की इस युद्ध से जुड़ी यादों को दिल्ली में एकत्रित किया था। इसमें टैंक, हथियार, गोला बारूद आदि शामिल थे। तभी ये टैंक भी गया था।

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सेना ने उड़ा दिए थे पाकिस्तानी टैंक के परखच्चे :—

भारतीय सेना के जांबाजों ने 1965 के भारत-पाक युद्ध में पाकिस्तानी सेना व घुसपैठियों को खदेड़ा। सेना के सेंचुरियन टैंकों से निकले गोलों ने दुश्मन के आधुनिक पैटन टैंकों के परखच्चे ही नहीं उड़ाए बल्कि उनके दिलों से कभी न खत्म होने वाली दहशत भी भर दी। युद्ध के इतिहास में पराक्रम व बहादुरी की कुछ ऐसी ही लकीरें फौज की पुणा हॉर्स बटालियन ने भी खीची है।

सेना की चार्जिग रैम डिवीजन के अंतर्गत मेरठ में स्थित पुणा हॉर्स के नाम आजादी के पहले से आजादी के बाद तक कई साहस व शौर्य की गाथाएं दर्ज हैं। पाकिस्तान से युद्ध के दौरान जीता पैटन टैंक को भी इसलिए ही प्रदर्शनी में ले जाया जाता है। यह टैंक काफी सालों से मेरठ के गांधी बाग स्थित कैंट चौराहे पर रखा है। इस चौराहे का नाम भी टैंक चौराहा रख दिया गया है।