
गोरी मैम को भाया देसी छोरा, बीच में आया प्रशासन तो पीएम मोदी किया ट्वीट
बागपत। कहते हैं प्यार की राहे बड़ी कठिन होती हैं। ऐसा ही एक मामला बागपत जिले में सामने आया है जहां एक युवक की प्रेम कहानी मंजिल तक नहीं पहुंच पा रही है।दरअसल विदेशी युवती से प्यार कर अपनी जिंदगी के सपने संजो रहे एक युवक की राहें कठिन हो गई हैं। युवती और युवक शादी करना चाहते हैं, लेकिन आरोप है कि बागपत जिला प्रशासन ने दोनों की शादी में अड़ंगा लगा दिया है। जिस पर विदेशी युवती ने ट्विटर के जरिए इसकी शिकायत प्रधानमंत्री नरेंंद्र मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से कर जल्द प्रक्रिया पूरी कराने का आग्रह किया है।
क्या है पूरा मामला-
जानकारी के मुताबिक यूक्रेन की युवती को हिन्दुस्तान का युवक अपनी दुल्हन बनाना चाहता है। लेकिन आरोप है कि बागपत जिला प्रशासन इसमें अड़ंगा बनकर खड़ा है। जानकारी के मुताबिक शिकायतकर्ता युवती यूक्रेन निवासी वेरोनिका बागपत के गांव सुभानपुर निवासी अक्षत त्यागी से शादी करना चाहती है। जिसके लिए वह 4 जून 2018 से 3 सितंबर 2018 तक के लिए वीजा लेकर यूक्रेन से भारत आ गई। इसके बाद दोनों ने रजामंदी से विशेष विवाह अधिनियम-1954 के तहत विवाह को पंजीकृत कराने के लिए विशेष विवाह अधिकारी (एडीएम) की कोर्ट में आवेदन किया था।
आवेदन के साथ युवती ने उम्र प्रमाण-पत्र, अपना पासपोर्ट, वीजा, यूक्रेन एम्बेसी से जारी एनओसी आदि भी जमा किए थे। उनका आरोप है कि कई दिन बीत जाने के बाद भी बागपत कोर्ट से उनको मैरिज प्रमाणपत्र नहीं दिया गया है। जिससे आहत विदेशी युवती ने शादी में अड़ंगा लगाने वाले बागपत प्रशासन की शिकायत ट्वीटर पर प्रधानमंत्री से लेकर विदेश मंत्री तक से की है और शादी कराने की गुहार लगायी है।
क्या कहना है युवक के पिता का-
वहीं युवक अक्षत त्यागी के पिता संजय त्यागी का कहना है कि जिला प्रशासन बच्चों की जिंदगी से खेल रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि बागपत प्रशासन भ्रष्ट है और शादी कराने के बदले बच्चों से पैसों की डिमांड कर रहा है। ऐसा न करने पर शादी को 3 सितम्बर तक अटकाए रखना चाहता है। जिससे युवती का वीजा खत्म हो जाये और उनकी शादी न हो सके। आरोप है कि 7 अगस्त को युवती अक्षत के साथ कलेक्ट्रेट पहुंची तो डीएम बागपत ऋषिरेन्द्र कुमार ने यूक्रेन एम्बेसी से जारी एनओसी पर आपत्ति जताते हुए विवाह को रजिस्टर करने से मना कर दिया। उन्होंने बताया कि इसकी शिकायत हमने उच्च अधिकारियों से की है।
जिलाधिकारी ने आरोपों को किया खारिज-
वहीं इस मामले पर बागपत जिलाधिकारी ने मामले को लेकर सभी आरोपों को निराधार बताया है। डीएम ऋषिरेंद्र कुमार ने रिश्वत मांगने के आरोप को निराधार बताते हुए कहा कि 7 अगस्त को वह कलेक्ट्रेट नहीं गए थे बल्कि संपूर्ण समाधान दिवस में बड़ौत तहसील में थे। इसके बाद कांवड़ यात्रा की बैठक में रहे। 7 अगस्त को युवक-युवती से उनकी कोई मुलाकात ही नहीं हुई।
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विशेष विवाह अधिनियम के तहत एडीएम वित्त एवं राजस्व की कोर्ट में 6 जुलाई को वाद दायर किया गया था। अनिल मिश्रा का एडीएम (वित्त एवं राजस्व) पर यहां तबादला हुआ है, लेकिन उन्होंने अभी चार्ज नहीं लिया है। उनका कहना है कि युवती द्वारा दी गई एनओसी को क्रॉस चेक के लिए यूक्रेन एम्बेसी भेजा है। वहां से क्लीनचिट मिलने पर विवाह पंजीकरण की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। जिलाधिकारी ने रिश्वत मांगने के आरोप की जांच के आदेश दिये हैं और जल्द ही शादी का प्रमाण पत्र जारी करने की बात कही है।
Updated on:
11 Aug 2018 07:39 pm
Published on:
11 Aug 2018 06:33 pm
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