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इस संगठन ने एनआईए की कार्रवार्इ में पकड़े गए मुस्लिम युवकों के इस टेस्ट की मांग की, देखें वीडियो

कहा- बेकसूर युवकों को जेल में नहीं डालना चाहिए  

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इस संगठन ने एनआईए की कार्रवार्इ में पकड़े गए मुस्लिम युवकों के इस टेस्ट की मांग की, देखें वीडियो

मेरठ। एनआईए की छापेमारी में पकड़े गए मुस्लिम युवकों के समर्थन में जमीयत उलमा-ए-हिंद उतर आई है। जमीयत ने पकड़े गए युवकों को मुकदमा और उनको पूरी कानूनी मदद देने की बात कही है। जमीयत के इस बयान से राजनीति गर्मा गई है। जमीयत के शादाब चौहान ने कहा कि हम दहशतगर्दों के साथ नहीं हैं, लेकिन निर्दोष युवकों को जेल भेजे जाने का भी हम समर्थन नहीं करते हैं। उन्होंने कहा कि एनआईए एक राजनैतिक दल द्वारा बनाए जा रहे दबाव में काम कर रही है।

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उन्होंने कहा कि एनआईए बेकसूर मुस्लिम युवकों को निशाना बना रही है। उन्होंने कहा कि ऐसे पकड़े गए युवकों का नार्कों टेस्ट होना चाहिए। जिससे की पूरी साजिश का पर्दाफाश हो सके। उन्होंने कहा कि निर्दोष युवकों को सजा हो जाती है, लेकिन इसके बाद वे कोर्ट से सबूतों के आभाव में बरी हो जाते हैं। उनके कई साल जेल की सलाखों के पीछे कट जाते हैं, उनका जिम्मेदार कौन होगा। उन्होंने कहा कि एनआईए की कार्रवाई से सवालिया निशान पैदा होते हैं। जिस प्रकार से सुतली बम और ट्रैक्टर की नोजल को विस्फोटक बताया जा रहा है। वह कहीं न कहीं संदेह पैदा करता है।

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उन्होंने कहा कि अपने राजनैतिक लाभ के लिए कुछ लोग एनआईए पर दबाव डाल रहे हैं कि किस तरीके से मुस्लिम बच्चों को पकड़ा जाए और बिरादरी को बदनाम किया जाए। उन्होंने कहा कि पकड़े गए युवकों का नार्को टेस्ट होना चाहिए। जिस तरीके से वह पकड़े गए हैं और उन्हें मुल्जिम साबित करने की बात की जा रही है। पकड़े गए युवकों के नार्कों टेस्ट के बाद सभी आरोप साफ हो जाएंगे। शादाब चौहान ने कहा कि इससे पहले एनआईए ने जितने लोगों को पकड़ा है वे सभी काफी समय बाद बरी हो गए, लेकिन जो समय उनका जेल की सलाखों के भीतर कटा, वह कौन लौटाएगा।