
मेरठ और गाजियाबाद में कांवड़ियों का उत्पात | Image Source - Social Media
Kanwadis create ruckus in Meerut and Ghaziabad: उत्तर प्रदेश के मेरठ और गाजियाबाद जिलों में सोमवार को कांवड़ यात्रा के दौरान कानून व्यवस्था तार-तार होती नजर आई। दोनों ही शहरों में कांवड़ियों ने सड़क पर जमकर उत्पात मचाया। कहीं स्कूल बस पर डंडे बरसाए गए तो कहीं एक कार चालक को पीट-पीटकर अधमरा कर दिया गया। पुलिस मौके पर मौजूद तो रही, लेकिन मूकदर्शक बनी रही। इन घटनाओं से आमजन में दहशत फैल गई और यातायात घंटों बाधित रहा।
घटना मेरठ के सदर बाजार थाना क्षेत्र की है। सोमवार सुबह करीब 10 बजे, हरिद्वार से जल लेकर लौट रही कांवड़ियों की एक टोली कैंटोनमेंट अस्पताल के पास से गुजर रही थी। उसी दौरान पीछे से आ रही दीवान पब्लिक स्कूल की एक बस की हल्की टक्कर एक कांवड़िए से हो गई।
टक्कर इतनी हल्की थी कि कोई बड़ी चोट नहीं आई, लेकिन कांवड़ियों ने इसे 'कांवड़ खंडित' होना मानते हुए आक्रोशित हो बस पर हमला बोल दिया। उन्होंने लाठियों और डंडों से बस के शीशे तोड़ डाले। गनीमत यह रही कि उस वक्त बस में कोई बच्चा मौजूद नहीं था, वरना बड़ा हादसा हो सकता था।
घटना के तुरंत बाद एक स्थानीय कॉन्स्टेबल दौड़कर मौके पर पहुंचा और कांवड़ियों को समझाने की कोशिश की, लेकिन भीड़ इतनी उग्र हो चुकी थी कि वह किसी की बात मानने को तैयार नहीं थी। सूचना पर सदर बाजार थाना पुलिस मौके पर पहुंची और बड़ी मुश्किल से स्थिति को नियंत्रण में किया।
पुलिस ने घायल कांवड़ियों को इलाज के लिए कैंटोनमेंट अस्पताल पहुंचाया। अस्पताल के आरएमओ डॉ. असीम रस्तोगी ने बताया कि सभी को मामूली चोटें आई हैं। एक कांवड़िए के हाथ में कांच घुस गया था, उसे 8 टांके लगाए गए। बाकी को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई।
घायल कांवड़ियों की पहचान बॉबी पुत्र सुरेंदर, अभिषेक पुत्र कमल, संदीप पुत्र कैलाश, राहुल पुत्र अशोक और सोनू पुत्र राहुल के रूप में हुई है। सभी गाजियाबाद के फरीदनगर क्षेत्र के निवासी हैं।
पास में ही दुकान चलाने वाले प्रत्यक्षदर्शी आकाश ने बताया, "बस की हल्की सी साइड लगने पर विवाद शुरू हुआ था। अचानक भीड़ ने बस को घेर लिया और हमला कर दिया। गनीमत रही कि समय रहते पुलिस पहुंच गई, नहीं तो स्थिति और बिगड़ सकती थी।"
मेरठ की घटना के कुछ ही घंटों बाद गाजियाबाद के मोदीनगर इलाके में भी कांवड़ियों का उग्र रूप देखने को मिला। यहां सुमन हॉल के पास एक कार की टक्कर से एक कांवड़िया घायल हो गया। इसके बाद दर्जनों कांवड़ियों ने कार चालक को पकड़कर पीटना शुरू कर दिया।
वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि कांवड़िए लाठी-डंडों से हमला कर रहे हैं और कुछ तो कार के ऊपर चढ़कर उछलते नजर आ रहे हैं।
इस पूरी घटना के दौरान स्थानीय पुलिस मौके पर मौजूद रही, लेकिन भीड़ के सामने एकदम लाचार दिखी। बीच सड़क पर बवाल के कारण दिल्ली-हरिद्वार हाईवे पर लंबा जाम लग गया। यात्रियों को कई किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ा।
मोदीनगर और मुरादनगर का गंगनहर पटरी मार्ग कांवड़ियों का मुख्य मार्ग है और इस समय भारी संख्या में श्रद्धालु इस मार्ग से गुजर रहे हैं। ऐसे में सुरक्षा व्यवस्था की कमजोरियां अब खुलकर सामने आने लगी हैं।
इन दोनों घटनाओं ने प्रशासनिक तैयारियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जहां एक ओर सरकार ने कांवड़ यात्रा को शांतिपूर्ण और व्यवस्थित बनाने के लिए भारी फोर्स तैनात की है, वहीं दूसरी ओर मौके पर पुलिस की निष्क्रियता से साफ है कि भीड़ को नियंत्रित करने के इंतजाम अभी भी कमजोर हैं।
कांवड़ यात्रा श्रद्धा और भक्ति का पर्व है, लेकिन कुछ असामाजिक तत्वों की वजह से इसका स्वरूप हिंसक होता जा रहा है। ऐसे में प्रशासन को कड़े कदम उठाने होंगे ताकि श्रद्धा के नाम पर कानून हाथ में लेने वालों पर सख्त कार्रवाई की जा सके। वरना आने वाले दिनों में ऐसी घटनाएं और बढ़ सकती हैं।
Published on:
14 Jul 2025 09:37 pm
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