
मेरठ। कठुआ गैंगरेप और हत्याकांड का आरोपी विशाल जंगोत्रा अब और मुश्किल में फंस गया है। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के सूत्रों की मानें तो 12 जनवरी को बीएससी एजी प्रथम सेमेस्टर की जो परीक्षा दी गई उसमें विशाल के स्थान पर कोई और बैठा था। विश्वविद्यालय ने इस मामले में जांच कमेटी गठित की है, लेकिन अभी जांच कमेटी ने अपनी कोई रिपोर्ट विश्वविद्यालय प्रशासन को नहीं सौंपी है। विश्वविद्यालय से जारी हुई विशाल की मार्कशीट पर गौर करें तो 12 जनवरी के दिन जो परीक्षा उसने दी उसमें उसके जीरो अंक हैं। यह तभी सही हो सकता है जबकि कापी पर कुछ लिखा न गया हो या फिर कुछ गलत लिखा गया हो। जम्मू-काश्मीर की एसआईटी ने दावा किया था कि 12 जनवरी को विशाल की जगह किसी और ने उसकी परीक्षा दी थी। ऐसे में एसआईटी के दावों की पुष्टि हो जाती है।
यह था पूरा मामला
कठुआ में आठ साल की बच्ची का अपहरण कर उसकी गैंगरेप के बाद हत्या कर दी गई थी। हालांकि बुधवार को आयी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गैंगरेप की पुष्टि नहीं हो पाई है। इस मामले में मुजफ्फरनगर के मीरापुर कस्बे के आकांक्षा डिग्री कालेज के बीएससी कृषि प्रथम सेमेस्टर के छात्र विशाल पर आरोप था उसने अपनी जगह किसी और को बैठाकर परीक्षा दिलवाई फिर कापी बदल दी थी। बीएससी एजी प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा का केंद्र खतौली का केके जैन डिग्री कालेज था। आरोपी विशाल का दावा है कि वह नौ जनवरी से 30 जनवरी तक परीक्षा में व्यस्त था और खतौली में परीक्षा देने गया हुआ था। एसआईटी का दावा है कि विशाल 11 जनवरी को जम्मू में था। विशाल को 12 जनवरी को हुई परीक्षा में शून्य और 15 जनवरी को हुई परीक्षा में दो अंक मिले हैं।
विवि की परीक्षा का बन सकता है मजाक
आरोपी विशाल के स्थान पर अगर किसी और ने उसकी परीक्षा दी होगी तो इससे चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय की परीक्षा प्रणाली भी संदेह के घेरे में आ जाएगी। इतना ही नहीं विवि की साख पर भी प्रश्नचिन्ह लग सकता है। अभी एमबीबीएस परीक्षा प्रश्नपत्र लीक मामला भी विवि के लिए फांस बना हुआ है। ऐसे में कठुआ कांड के आरोपी विशाल की परीक्षा के स्थान पर अगर किसी और ने उसकी परीक्षा दी होगी तो विवि के कर्मचारी और जिस सेंटर पर परीक्षा हुई वह भी जांच के दायरे में होंगे।
Published on:
20 Apr 2018 12:37 pm
बड़ी खबरें
View Allमेरठ
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
