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Ayodhya Verdict: यहां सुबह से सामान्य दिनों की तरह दौड़ रही जिंदगी, सुरक्षा के कड़े इंतजाम, देखें वीडियो

Highlights शहर छह और देहात को पांच जोन में बांटा गया धारा 144, चार से अधिक लोगों के खड़े होने पर रोक शहर में संवेदनशील क्षेत्रों में अर्धसैनिक बल की तैनाती  

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मेरठ। अयोध्या मामले (Ayodhya Case) पर शनिवार की सुबह कुछ देर बाद फैसला आ गया है। इसके मददेनजर जमीन और आसमान से जनपद की सुरक्षा की जा रही है। सुबह से ही महानगरवासी फैसले से बेखबर आम दिनों की तरह ही भागते दौड़ते नजर आ रहे हैं। आम दिनों की तरह की आज सुबह से शहरवासियों की जिंदगी दौड़ रही है। वहीं प्रशासन ने सुरक्षा के सभी इंतजाम कर लिए हैं।

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आरएएफ, बीएसएफ और पीएसी तैनात

सार्वजनिक स्थल या घर के बाहर और दुकानों पर चार से ज्यादा लोगों को एकत्र होने पर रोक लगाई है। शहर को छह और देहात को पांच जोन में बांट कर सुबह आठ बजे से पुलिस की ड्यूटी फिक्स कर दी गई है। चार कंपनी आरएएफ, बीएसएफ और पीएसी को लगाया गया है। सोशल साइट्स पर विशेष तौर पर नजर रखी जा रही है।

900 से अधिक बैठकें हुई

अयोध्या मसले पर निर्णय को लेकर पिछले दस दिनों से पुलिस सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त कर रही है। दोनों समुदाय के लोगों में निर्णय आने के बाद आपसी सौहार्द बना रहे। इसके लिए जनपद में 900 से अधिक बैठकें और 400 से अधिक कार्यक्रम आयोजित किए गए। देहात और शहर के अतिसंवेदनशील क्षेत्रों में आरआरएफ, पीएसी के साथ अफसरों ने फ्लैगमार्च कर सुरक्षा व्यवस्था बनाने का संदेश दिया। पुलिस लाइन में शहर के दोनों समुदाय के लोगों की अलग-अलग बैठक कर आपसी सौहार्द बनाने का भरोसा दिलाया। बैठक में मौजूद लोगों को भी शहर की सुरक्षा के लिए पुलिस मित्र बनाया गया है। एसएसपी ने बताया कि सभी पुलिसकर्मियों का अवकाश निरस्त किया गया है। उन्हें 24 घंटे की अनुमति भी नहीं मिल पाएगी।

थाने में सिर्फ एक मुंशी और सिपाही

शनिवार को सुबह से पुलिस बल सड़कों पर है। प्रत्येक थाना प्रभारी को आदेश दिए कि पुलिस वाहनों के अलावा पांच अतिरिक्त गाड़ियां हैं। प्रत्येक गाड़ी में एक दारोगा और दो हेड कांस्टेबल और दो कांस्टेबल रखे गए हैं। जिनके लिए घूमने का एरिया निश्चित कर दिया है। थाना प्रभारी के साथ एक अतिरिक्त दंगा नियंत्रण वाहन रहेगा।