
साढ़े चार कुंतल चांदी के रथ में विराजमान होकर निकले भगवान जगन्नाथ, स्वागत को उमड़े मेरठवासी
Lord Jagannath Rath Yatra in Meerut आज शहर मेरठ में रथ यात्रा का आयोजन किया गया। जिसमें चार कुंतल चांदी के रथ में सवार होकर भगवान जगन्नाथ भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ शहर भ्रमण पर निकले। जगन्नाथ रथ यात्रा शहर के जगन्नाथ मंदिर से शुरू होकर भैंसाली मैदान, दाल मंडी, बैंकर्स स्ट्रीट व सदर थाना, सदर बाजार, चौक बाजार, बांबे बाजार, हनुमान चौक, आबूलेन, फव्वारा चौक से होते हुए गंज बाजार, ढोलकी मोहल्ला व अंत में वापस मंदिर पर आकर संपन्न हुई। रथ में रामदरबार के साथ मीठे चावल का प्रसाद वितरण किया गया। रथ यात्रा में प्रसाद के लिए 160 वितरण केंद्र ठेले के रूप में शामिल रहें। प्रसाद के रूप में विभिन्न ठेलों पर आइसक्रीम, मीठे चावल, कुल्फी, चाट, आम, शिकंजी, शीतल पेय व अन्य खाद्य सामग्री वितरित की गई।
भगवान श्री जगन्नाथ स्वामी जी की रथ यात्रा आषाढ़ मास में शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि को परंपरागत रूप से उड़ीसा पुरी में निकाली जाती है। ठीक उसी दिन मेरठ में भी इस रथ यात्रा का आयोजन किया जाता है। भगवान श्री जगन्नाथ स्वामी मंदिर समिति द्वारा कैंट में सदर थाने के पीछे श्री बिल्वेश्वर नाथ महादेव मंदिर प्रांगण से रथ यात्रा निकाली गई। समिति के अध्यक्ष विजय गोयल, कोषाध्यक्ष पवन गर्ग व महामंत्री सुरेंद्र सिंधू ने बताया कि आज एक जुलाई दिन शुक्रवार को रथ यात्रा का शुभारंभ हुआ। रथ यात्रा में विशेष आकर्षण का केंद्र भगवान जगन्नाथ अपने भाई बलदेव व बहन सुभद्रा के साथ साढ़े चार कुंतल चांदी से निर्मित रथ पर विराजमान होकर निकले।
जगन्नाथ रथ यात्रा में रोहटा, हापुड़ व मवाना समेत चार स्थानों से बैंड बुलाए गए थे। इसमें ताशे व नपीरी के साथ भजन मंडली भी शामिल होकर आगे चल रही थीं। यात्रा के पूजनकर्ता रवि माहेश्वरी व आनंद प्रकाश गर्ग, उदघाटनकर्ता जयप्रकाश अग्रवाल बिल्डर और मुख्य अतिथि के रूप में ऊर्जा राज्य मंत्री डा. सोमेंद्र तोमर, कैंट विधायक अमित अग्रवाल, राज्य सभा सदस्य डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी, एमएलसी धर्मेंद्र भारद्वाज व पूर्व विधायक कैंट सत्यप्रकाश अग्रवाल रहे। वहीं गाज़ियाबाद के हिसाली गाँव में स्थित पावन चिंतन धारा आश्रम परिसर में भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा निकाली गयी जिसमें डॉ. पवन सिन्हा के पावन सान्निध्य में सभी भक्तजन भजन गाते हुए भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा जी को आश्रम में स्थापित नारायण क्षेत्र से शक्ति क्षेत्र ,उनकी मौसी (माँ दुर्गा) के घर ले गए और फिर वहां विधिवत रूप से उनका स्वागत किया। फिर स्वयं अत्यंत सरल ह्रदय परमपूज्य श्रीगुरु जी ने मृदंग बजाया जिस पर सभी भक्तगण झूमने लगे।
Updated on:
01 Jul 2022 08:25 pm
Published on:
01 Jul 2022 08:11 pm
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