
मेरठ। 21 फरवरी को महाशिवरात्रि (Maha Shivaratri 2020) है। हर साल फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर शिवपूजा का महापर्व शिवरात्रि मनाया जाता है। जब सूर्य कुंभ राशि और चंद्र मकर राशि में होता है तब फाल्गुन मास कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि की रात यह पर्व मनाया जाता है। इस बार 21 फरवरी की शाम 5.36 बजे तक त्रयोदशी तिथि रहेगी। उसके बाद चतुर्दशी तिथि शुरू हो जाएगी। इसलिए इस साल यह पर्व 21 फरवरी को मनाया जाएगा।
इस बार महाशिवरात्रि पर 117 साल बाद शनि और शुक्र का दुर्लभ योग बन रहा है। इससे पहले 1903 में यह योग बना था। इस साल महाशिवरात्रि पर शनि अपनी स्वयं की राशि मकर में और शुक्र ग्रह अपनी उच्च राशि मीन में रहेगा। इसलिए यह एक दुर्लभ योग है। जब ये दोनों ग्रह महाशिवरात्रि पर इस स्थिति में रहेंगे। 2020 से पहले 25 फरवरी 1903 को ठीक ऐसा ही योग बना था और महाशिवरात्रि मनाई गई थी। इस साल गुरू भी अपनी स्वराशि धनु राशि में स्थित है। इस योग में शिव पूजा करने पर शनि, गुरू, शुक्र के दोषों से भी मुक्ति मिल सकती है। आगामी 21 फरवरी को सर्वार्थ सिद्धि योग भी रहेगा। पूजन के लिए और नए कार्यों की शुरूआत करने के लिए यह योग बहुत ही शुभ माना गया है।
इस साल शनि ने 23 जनवरी को मकर राशि में प्रवेश किया है। महाशिवरात्रि यानी 21 फरवरी पर शनि के साथ चंद्र भी रहेगा। शनि-चंद्र की युति की वजह से विष योग बन रहा है। इस साल से पहले करीब 28 साल पहले महाशिवरात्रि पर विष येाग 2 मार्च 1992 को बना था। इस योग में शनि और चंद्र के लिए विशेष पूजा करनी चाहिए। महाशिवरात्रि पर यह योग बनने से इस दिन शिव पूजा का महत्व और अधिक बढ़ जाता है। कुंडली में शनि और चंद्र के दोष दूर करने के लिए शिव पूजा करने की सलाह दी जाती है। वहीं महाशिवरात्रि पर बुधादित्य और सूर्य कुंभ राशि में एक साथ रहेंगे। इस वजह से बुधादित्य योग बनेगा। इसके अलावा इस दिन सभी ग्रह-राहु-केतु के मध्य रहेंगे। इस वजह से सर्प भी बन रहा है। महाशिवरात्रि पर राहु मिथुन राशि में और केतु धनु राशि में रहेगा।
Published on:
18 Feb 2020 04:56 pm
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