
मेरठ। ‘आयुक्त मित्र दिवस’ की अध्यक्षता करते हुए आयुक्त डा. प्रभात कुमार ने शिकायतकर्ता विपिन चन्द गुलाटी निवासी नई दिल्ली के प्रकरण में उपाध्यक्ष, एमडीए को अभिलेखों में मूल आवंटी का नाम दर्ज कराने, प्राधिकरण में मिलीभगत से फर्जी मुख्तारनामे के आधार पर बैनामा कराने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों पर जांच बैठाते हुए उनके विरूद्ध कड़ी दण्डात्मक कार्रवार्इ करने तथा देवदास निवासी गाजियाबाद के प्रकरण में राजस्व विभाग के कर्मचारियों से पूर्व में हुई त्रुटि का निराकरण कर खतौनी में अमल दरामद करने व वर्तमान खतौनी की प्रति शिकायतकर्ता को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
आयुक्त मित्र दिवस पर आए कर्इ मामले
आयुक्त कार्यालय में आयोजित ‘आयुक्त मित्र दिवस’ में अनेकों प्रकरणों की सुनवाई करते हुए आयुक्त डा. प्रभात कुमार ने कहा कि जनता की शिकायतों का गुणवत्तापरक व समयबद्ध निस्तारण आवश्यक है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि खातेदार की मुत्यु उपरान्त खतौनी व अभिलेखों में वारिसान के नाम समय से दर्ज कराए, ताकि मूल वारिस को परेशानी का सामना न करना पड़े।
फर्जी मुखतारनामा पर बैनामा मामला
एक मामले में भूखंड का फर्जी मुख्तारनामा के आधार पर भागमल सिंह पुत्र नत्थू सिंह के नाम बैनामा करा दिया गया। उनके द्वारा उक्त भूखण्ड अन्य व्यक्ति के नाम विक्रय कर दिया गया, जिस पर उक्त व्यक्ति द्वारा मानचित्र स्वीकृत कराकर तथा प्राधिकरण के अभिलेखों में नाम दर्ज कराने की कार्रवार्इ करा ली गर्इ। वर्तमान में फर्जी मुख्तारेआम के आधार पर हुए बैनामे के निरस्तीकरण के लिए वाद न्यायालय में विचाराधीन है। प्रकरण की सुनवाई के बाद आयुक्त ने उपाध्यक्ष एमडीए को निर्देश दिए कि सिविल न्यायालय में आवंटी द्वारा वाद में मेरठ विकास प्राधिकरण को भी पक्षकार बनाया जाए तथा इस सम्बन्ध में जिला शासकीय अधिवक्ता (सिविल) से इस आशय की विधिक राय प्राप्त की जाए कि क्या प्रश्नगत प्रकरण में सिविल न्यायालय में विचाराधीन प्रश्नगत वाद में प्राधिकरण वादी बन सकता है अथवा उसके द्वारा अन्य वाद योजित किया जाना उचित होगा। आयुक्त डा. प्रभात कुमार ने बताया कि जांच के बाद जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी जरूरत पड़ने पर एफआईआर भी दर्ज करवाई जाएगी।
Published on:
19 Apr 2018 10:25 pm
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