
मेरठ। अगर सब कुछ ठीक रहा तो मेरठ का मेरठ काॅलेज देश का एक ऐसा कॉलेज होगा, जिसके पास विजयंत टैंक होगा। मेरठ काॅलेज में इसको लाने की कवायद तेजी से चल रही है। उम्मीद है कि मार्च से पहले यह काॅलेज के प्रांगण की शोभा बढ़ाएगा। यह टैंक मेरठ के रक्षा अध्ययन विभाग के सामने बने वाॅर म्यूजियम का हिस्सा बनेगा। वर्ष 1965 और 1971 में पाकिस्तान से हुई लड़ाई में विजयंत टैंक ने पाकिस्तानी सेना को धूल चटा दी थी। टैंक की बदौलत ही दुश्मन देश की सीमा में नहीं घुस पाया था। इस टैंक ने ही पाकिस्तान के सात लड़ाकू विमानों को मार गिराया था। मेरठ काॅलेज का रक्षा अध्ययन विभाग इस प्रयास में है कि उसके वाॅर रूम म्यूजियम में यह टैंक भी हो। इसी कारण रक्षा विभाग के प्रोफेसर एसएच पांडे ने सेना के सामने यह प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि मेरठ के इस विभाग से कई बड़े आर्मी अधिकारी पीएचडी कर चुके हैं जबकि कई बड़े अधिकारी रिसर्च कर रहे हैं।
इंडियन आर्मी के ये अधिकारी कर रहे हैं विजयंत टैंक पर रिसर्च
मेरठ अध्ययन विभाग से आर्मी के कई बड़े अधिकारी रिसर्च कर चुके हैं। आर्मी चीफ बिपिन रावत भी इस समय मेरठ काॅलेज के इस विभाग से पीएचडी कर रहे हैं। मास्टर जनरल आफ आॅर्डिनेंस के चीफ लेफ्टिनेंट जनरल राजेंद्र रामा राव मेरठ काॅलेज से विजयंत टैंक पर रिसर्च कर रहे हैं। डाॅ. पांडे ने लेफ्टिनेंट जनरल राजेंद्र से अनुरोध किया है कि वह विजयंत टैंक को मेरठ काॅलेज के वाॅर म्यूजियम के लिए दिलवाने में मदद करें। रक्षा अध्ययन विभाग ने इसके लिए औपचारिकताएं भी पूरी कर दी हैं। डाॅ. एसएच पांडे का कहना है कि मार्च तक विजयंत टैंक हर हालत में मेरठ काॅलेज परिसर में आ जाएगा। यह टैंक स्थायी तौर पर मेरठ काॅलेज की शान बढ़ाएगा।
पुणे विश्वविद्यालय को मिल चुका है पुराना टैंक
देश के किसी भी काॅलेज या विश्वविद्यालय को अब तक विजयंत टैंक घरोहर के रूप में नहीं मिला है। कुछ वर्षों पूर्व दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय ने अपने परिसर में इस टैंक को रखने की इच्छा जताई थी, लेकिन सेना ने मना कर दिया था। पुणे विवि को एक टैंक जरूर मिला, लेकिन वह बहुत पुराना है।
50 किमी की स्पीड और 500 किमी तक मारक क्षमता
विजयंत टैंक की स्पीड 50 किमी प्रति घंटा है और इसकी मारक क्षमता 500 किमी तक है। अब यह टैंक भारतीय सेना के इस्तेमाल में नहीं है, लेकिन टैंक अपने स्वर्णिम इतिहास की याद दिलाने के लिए देश के विभिन्न सैन्य छावनियों में रखा जाता है।
Published on:
29 Jan 2018 11:27 am
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