25 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

लॉकडाउन में पास बनवाने के लिए आए इतने आवेदन कि प्रशासन के लिए खड़ी हो गई मुश्किलें

Highlights जिला प्रशासन ने रद कर दिए लॉकडाउन के पुराने पास पासधारकों के वाहनों के चालान काटे जाने पर हंगामा नए सिरे से पास बनाने की कवायद शुरू की जा रही  

2 min read
Google source verification
meerut

मेरठ। कोरोना वायरस के संक्रमण के बाद लगे लॉकडाउन में पास जारी करने में जिला प्रशासन को पसीने छूट रहे हैं। दरअसल, पास के लिए इतने सरकारी अफसरों व कर्मचारियों के इतने आवेदन आ गए हैं कि प्रशासन कोई निर्णय नहीं ले पा रहा है। पास के आवेदनों की संख्या करीब एक लाख तक पहुंच गई है। जिला प्रशासन अब शासन से इसकी अनुमति मांगेगा। लॉकडाउन के दौरान बेवजह वाहन लेकर घूम रहे लोगों पर पुलिस ने जब सख्ती दिखाई तो पासधारकों के वाहनों के भी चालान काटे गए। इससे काफी हंगामा हुआ था। इसके बाद जिला प्रशासन ने सभी पुराने पास रद कर दिए थे। अब नए सिरे से पास जारी करने की कवायद शुरू की है।

यह भी पढ़ेंः ऑनलाइन पढ़ाई के बाद पब्लिक स्कूलों ने भेजा फीस का मैसेज तो पैरेंट्स ने किया विरोध, शुरू करने जा रहे ये अभियान

एडीएम सिटी आफिस में पिछले तीन दिन में सरकारी कार्यालयों के अफसरों व कर्मचारियों की ओर से भारी संख्या में पास की मांग आयी है। कैंट बोर्ड ने 1200, नगर निगम ने 4700, नगर पंचायत व ग्राम पंचायतों ने 1000, आंगनबाड़ी 4000, आशा 1900, जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय से 600 पास की मांग की गई है। बैंकों ने 7500, पॉवर कारपोरेशन ने 3000, मूल्यांकन के लिए 2700 शिक्षक, कृषि विभाग ने 1000, मेडिकल स्टोर संचालक 4800, मंडी से 2000 से ज्यादा लोगों के पास की मांग की गई है। पेट्रोल पंपों के लिए लगभग 1000, गैस एजेंसियों के लिए 2000 से ज्यादा पास मांगे गए हैं। इनके अलावा डाक विभाग, जल निगम, पीडब्ल्यूडी, रक्षा लेखा, सरकारी और निजी चिकित्सा व्यवस्था, अस्पताल का स्टाफ, बीएसएनएल, एलआईसी, पूर्ति विभाग, राशन एजेंसी संचालक समेत सभी विभागों ने पास की मांग की है।

यह भी पढ़ेंः लॉकडाउन में मायके आयी महिला ने खुद को गोली मारकर जिन्दगी खत्म कर ली, ये वजह आयी सामने

एडीएम सिटी अजय तिवारी ने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में पास बनाया जाना असंभव है। प्रदेश के ही अन्य जिलों में बात की गई। वहां आवश्यक सेवाओं में जुटे सरकारी कर्मचारियों को उनके पहचान-पत्र से ही आने-जाने की अनुमति दी गई है। मेरठ में भी अब उसी व्यवस्था को लागू करने का अनुरोध शासन से किया जा रहा है। प्रदेश में लॉकडाउन में मेरठ रेड जोन में शामिल है। इसलिए यहां पर राहत के आसार नहीं हैं। सरकार ने कोरोना प्रबंधन को लेकर शहरी क्षेत्रों के लिए जो दिशा-निर्देश तैयार किए हैं, उनमें कलस्टर संक्रमण वाले क्षेत्रों में इस महामारी की रोकथाम के लिए सख्ती बरतने की बात कही गई है। बता दें कि मेरठ में कोरोना से अब तक 19 लोगों की मौत हो चुकी हैं वहीं संक्रमितों की संख्या भी 320 के पार पहुंच गई है।