27 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

इस 150 साल पुरानी देसी मिठाई के अटल बिहारी वाजपेयी से लेकर बिल क्लिंटन तक फैन

Highlights: -मेरठी गजक और रेवडी की बढ़ी डिमांड -मेरठ ही नहीं विदेश में भी बज रहा मेरठी गजक का डंका -अटल बिहारी वाजपेयी से लेकर बिल क्लिंटन तक मेरठ की गजक के शौकीन

2 min read
Google source verification

मेरठ

image

Rahul Chauhan

Dec 17, 2020

707438-gajak.jpg

पत्रिका न्यूज नेटवर्क

मेरठ। गजक और रेवड़ी का नाम आते ही मेरठ का नाम लोगों की जुबा पर बरबस आ जाता है। इस मेरठी गजक के शौकीनों में देश के प्रधानमंत्री रहे अटल बिहारी वाजपेयी से लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति रहे बिल क्लिंटन तक शुमार हैं। बिल क्लिंटन के भारत दौरे पर आने पर जो परंपरागत चीजे उनको भेट की गई थी उनमें मेरठी गजक भी शामिल रही थी। लेकिन इस समय कोरोना संक्रमण के बचाव में अब ये गजक मददगार साबित हो रही है। ठंड के मौसम में मेरठी गजक की मांग और बढ गई है।

यह भी पढ़ें: भयंकर ठंड के लिए हो जाइए तैयार, इन शहरों में 2 डिग्री तक पहुंचेगा तापमान

पुराना है मेरठी गजक का इतिहास

बता दें कि मेरठी गजक का इतिहास करीब 150 साल पुराना है। मेरठ में रामचंद्र सहाय नाम के व्यक्ति ने 1860 के आसपास के गुड और तिल के मिश्रण को कूटकर लडडू बनाने की शुरूआत की। उस समय के गुजरी बाजार के पास छोटी सी दुकान में बनाए जाने वाली ये मिठाई अंग्रेजों केा भी खूब पसंद आई। अंग्रेजों ने इस मिठाई को बनाने के लिए रामचंद्र सहाय को प्रोत्साहित किया। उसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। फिर तो उन्होंने कई तरीके से इस मिठाई यानी गजक को बनाने में महारत हासिल की।

15 तरीके से बनाई जाती है गजक

बुढाना गेट पर करीब 80 साल पुरानी रेवडी और गजक की दुकान के मालिक मनोज बताते हैं कि मेरठ में करीब 15 तरीके की गजक और रेवडी तैयार की जाती है। ये 15 तरीके की गजक और रेवडी बनाई जाती है। ये रेवड़ी-गजक बनाने में गुड,तिल,ड्राईफूटस और देशी आइटम का प्रयोग किया जाता है। मनोज का कहना है कि कोरोना संक्रमण के दौरान तो सभी प्रकार का व्यापार पूरी तरह से ठंडा ही हो गया है। लेकिन लोग अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाने के लिए गजक और रेवडी का प्रयोग कर रहे हैं। कोरोना संक्रमण रोकने में मेरठ की ये देशी मिठाई काफी कारगर साबित हो रही है।

यह भी पढ़ें: कोविड काल में NHM की रैंकिंग में इस शहर को मिला दूसरा स्थान, जानकर आप भी करेंगे गर्व

स्वास्थ्य के लिहाज से है बेहतर

आयुर्वेदाचार्य डा0 ब्रज भूषण शर्मा के अनुसार गजक में मौजूद तिल-गुड़ मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है और शरीर में गर्माहट बनाए रखता है। इसलिए ठंड के दिनों में स्वस्थ रहने का यह लाजवाब उपाय है। गजक में मौजूद एंटी ऑक्सीडेंट, विटामिंस और मिनरल कई तरह की बीमारियों से बचाते हैं और पोषण देते हैं जो आपकी हेल्थ और ब्यूटी के लिए फायदेमंद है। गजक खाना अर्थराइटिस के मरीजों के लिए बेहद फायदेमंद है। तिल और गुड़ में मौजूद कैल्शियम हड्डियों को मजबूत करता है और इससे जुड़ी समस्याओं में लाभ देता है। यह शरीर में आयरन की कमी को पूरा करने में काफी मददगार है, इसलिए एनिमिया के पेशेंट्स को गजक का सेवन जरूर करना चाहिए।