
मेरठ में पुरानी पेंशन बहाल करने के लिए राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने सोमवार को मेरठ के कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन कर धरना दिया। डीएम के नाम मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन भेजा। जिसमें सरकार पर उपेक्षा वाले रवैये का आरोप लगाया। साथ ही मांगें पूरी होने तक आंदोलन जारी रखने की घोषणा की गई।
सरकार कर्मचारियों के हित में नहीं
धरने पर पहुंचे परिषद के प्रांत अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी ने कहा कि 2005 में कर्मचारियों की पुरानी पेंशन को खत्म कर नई पेंशन योजना शुरू की गई थी। जो कर्मचारियों के हित बिल्कुल भी नहीं है।
आंकलन करने के बाद परिषद ने इसका पुरजोर विरोध किया। समय-समय पर आंदोलन किए। फिर भी सरकार ने कोई सुनवाई नहीं की। पिछले महीने ही अपर सचिव कार्मिक के साथ बात हुई जिसमें उन्होंने बताया कि एनपीएस यानी राष्ट्रीय पेंशन योजना का जो संस्था पैसा लगा रही है, उसका कार्यालय मुंबई में है।
इसलिए सामान्य कर्मचारी अपनी परेशानी के लिए वहां नहीं जा पाएगा। राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना पर कहा कि पहले इस योजना में गंभीर बीमारियों का इलाज में जितना भी खर्च होगा, कैशलेस होगा। लेकिन अब इसका पूरा स्वरूप बदल दिया है। परिषद के जिला अध्यक्ष गिरजाकान्त ने कहा कि जनपद स्तर पर कैशलेस चिकित्सा के कार्ड भी नहीं बन पा रहे हैं।
मांगें पूरी होने तक जारी रहेगा आंदोलन
साथ ही जिन पेंशनर्स ने अपने कार्ड बनवाने के लिए आवेदन किए हैं, उन पर भी कोई कार्य नहीं हो पा रहा है। मांगें पूरी होने तक आंदोलन जारी रखने की घोषणा की गई।
Published on:
08 Nov 2022 11:04 am
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