
अपने झांसे में इस तरह लोगों को फंसाते थे ये गुल्लीबाज, पुलिस को बताया अपना यह खेल
मेरठ। बिना कुछ किए घर बैठे नोट मिल जाएं। ऐसा किसे नहीं अच्छा लगता। वो भी जितना देंगे, उससे दोगुना। कहीं आप भी अपने मेहनत की कमाई को दोगुना करने के लिए गुल्लीबाजों के चक्कर में फंसे तो समझो गया आपका भी दिया हुआ रुपया। मेरठ पुलिस ने ऐसे ही तीन गुल्लीबाजों को पकड़ा है, जो रूपया दोगुना करने का लालच देते थे और असली लेकर फरार हो जाते हैं।
तीन गुल्लीबाज पकड़े नोटों के साथ
कंकरखेड़ा पुलिस ने नोट बदलने वाले तीन गुल्लीबाज ठगों को नकली नोटों के साथ गिरफ्तार किया है। कंकरखेड़ा पुलिस बाईपास पर चेकिंग कर रही थी। इसी दौरान सूचना मिली कि चौक मोहल्ला के बड़ा बाजार के एक मकान में कुछ लड़के मकान मालिक सुभाशुं के साथ मिलकर किसी को गुल्लीबाजी कर नोट को दोगुना करने का लालच दे रहे हैं। पुलिस ने दबिश देकर तीन युवकों को पकड़ा। जिन्होंने अपने नाम सुभांशु चौक मोहल्ला, सुमित निवासी रामनगर व देवेंद्र निवासी ग्राम जेवरी बताया। जिनके कब्जे से 500-500 रुपये के 20 जाली नोट व 500 रुपये के नोट के साइज के 480 कटिंग किए कागज बरामद हुए।
ऐसे करते थे नोट दोगुना
पूछताछ में गुल्लीबाजों ने बताया कि वे अपने साथ नकली नोटों की गड्डियां रखते है। जिसमें ऊपर और नीचे और बीच में कई असली नोट होते हैं और बाकी सब नकली असली नोट लेकर वे लोग नकली नोटों की गड्डियां थमा देते थे और नोट गिनने के लिए कहते थे। नोट दोगुना कराने वालों को अगर शक होता था तो वे उसे घेर लेते थे और उसे इस बात का विश्वास दिलाते थे कि नकली नोट असली ही है। नोट दोगुना करने वाले अपने पास पांच सौ और दो सौ के नकली नोटों की पचास से लेकर सौ तक गड्डियां लेकर चलते थे।
क्या होती है गुल्लीबाजी
पकड़े गए गुल्लीबाजों ने बताया कि नोट दोगुना करने वालों का तीन लोगों का गैंग होता है। इसमें से एक शिकार तलाशता है और उसे अपने दूसरे आदमी के पास लेकर आता है। दूसरा नोट दोगुना करता है। अगर किसी को शक हो जाए कि नोट नकली है तो गैंग का तीसरा आदमी वहीं आसपास मौजूद रहता है। ये लोग उसे इशारे से बुला लेते हैं और ऐसा प्रतीत करते हैं जैसे एक-दूसरे को जानते नहीं। गैंग का तीसरा आदमी ही नकली नोटों को असली साबित करता है। अपनी भाषा में ये लोग शिकार को गुल्ली कहते हैं।
Published on:
29 Jun 2018 12:01 pm
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