
मेरठ। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय की छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म होने के आरोपों के मुकदमे की विवेचना आईजी रेंज ने हापुड़ से हटाकर मेरठ पुलिस को सौंप दी है। पीडि़त परिवार ने इसकी मांग की थी। पुलिस का कहना है कि पीडि़ता के बयान के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। छात्रा का मेडिकल अस्पताल की इमरजेंसी में उपचार चल रहा है। वह अभी बेहोशी की हालत में है।
परिवार छात्रा को न्याय दिलाने के लिए भाजपा नेता कमल दत्त शर्मा के नेतृत्व में भाजपाई और पीडिता के परिजन आईजी प्रवीण कुमार से मिले। परिजनों का कहना है कि पुलिस मामले को गंभीरता से नहीं ले रही है। परिजनों ने आइजी के बयान पर भी नाखुशी जाहिर की। कमल दत्त शर्मा ने केस को गढ से मेरठ ट्रांसफर करने की बात आईजी से की तो आईजी प्रवीण कुमार ने तुरंत ही केस मेरठ ट्रांसफर की बात कही। कमल दत्त शर्मा ने कहा कि इस मामले को राजनीति रंग नहीं दिया जाना चाहिए।
उन्होंने बताया कि परिवार की मुलाकात के लिए एडीजी से मिलने के लिए वक्त मांगा गया था। सोमवार सुबह एडीजी ने भी परिवार को बुलाया। जिस पर उन्होंने पूर्ण कार्रवाई का आश्वासन दिया। आईजी ने भी उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है। वहीं, सोमवार को छात्रा की हालत में पूरा सुधार नहीं हुआ। वह बेहोशी की स्थिति में रही, जिसके चलते उसके बयान दर्ज नहीं हो सके। हालांकि सोमवार को भी वह मेडिकल कॉलेज में ही भर्ती रही, जबकि रविवार को उसे निजी हॉस्पिटल में भर्ती कराए जाने का आश्वासन दिया गया था। आइजी प्रवीण कुमार ने कहा कि अभी छात्रा के बयान दर्ज नहीं हो सके हैं। बयान दर्ज होने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
गढ़मुक्तेश्वर की छात्रा गुरुवार को चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय कैंपस से बस से अपने घर लौट रही थी। अचानक ही गढ़ के समीप बस खराब हो गई। आरोप है कि वहां से बुलंदशहर के स्याना क्षेत्र के प्रियांश अपने साथी आकाश, सुमित और सोनी निवासीगण हापुड़ के साथ छात्रा को अगवा कर लिया और फिर सामूहिक दुष्कर्म किया। छात्रा के परिवार की तरफ से गढ़ थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। इस मामले को लेकर शनिवार को विवि के छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में आइजी ऑफिस पहुंचे थे और जमकर हंगामा किया था।
Updated on:
18 Feb 2020 11:27 am
Published on:
18 Feb 2020 11:25 am
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