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मेरठ के शोभापुर में तनाव बरकरार, बवालियों की लिस्ट को लेकर मचा है हड़कंप

पुलिस कर रही जांच, कुछ दलितों के क्षेत्र से निकल जाने की भी चर्चा

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मेरठ। मेरठ के कंकरखेड़ा के शोभापुर क्षेत्र में बसपा कार्यकर्ता गोपी पारिया की हत्या के बाद चार आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इसके बावजूद शोभापुर में तनाव बरकरार है। चार अप्रैल से यहां फोर्स तैनात है। दरअसल, दो अप्रैल को यहां भारत बंद के दौरान जो उपद्रव हुआ था, उसमें 70-80 लोगों की जो लिस्ट तैयार की गर्इ थी, उसी लिस्ट के चक्कर में गोपी पारिया की हत्या मानी है।

आरोप है कि यह लिस्ट मनोज गुर्जर ने ही दी थी। इस लिस्ट में गोपी का नाम सबसे उपर था। इसको लेकर गोपी का मनोज गुर्जर, कपिल, गिरधारी गुर्जर व आशीष गुर्जर से विवाद हुआ था। इसी में गोपी की हत्या कर दी गर्इ। पुलिस ने चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। शोभापुर में अब भी तनाव बरकरार है। यहां पुलिस, पीएसी आैर आरएएफ हत्या के दिन से ही तैनात है। गोपी के अंतिम संस्कार के बाद से पुलिस इस क्षेत्र में कड़ी निगारानी आैर जांच में जुटी है। इसे लेकर क्षेत्र में हड़कंप मचा हुआ है, क्योंकि दो अप्रैल को शाेभापुर क्षेत्र में बवाल हुआ था। दलित युवकों व कुछ परिवार के भी यहां से गुपचुप निकलने की चर्चा है, क्योंकि 14 अप्रैल को अम्बेडकर जयंती के जिले में दो दिन पहले ही हार्इअलर्ट कर दिया गया था, इसे देखते हुए पुलिस ने जांच आैर पकड़-धकड़ तेज कर रखी है।

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यह था मामला

गोपी पारिया (28) की बुधवार शाम घर से बुलाकर गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी। मृतक गोपी के परिजनों का कहना है कि दो अप्रैल के आंदोलन के बाद दूसरे पक्ष के लोग रंजिश मान रहे थे। दो अप्रैल को हुए आंदोलन में गोपी ने अहम भूमिका निभाई थी, इसलिए वह दूसरों को अखर भी रहा था। इस मामले में कुल चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। पुलिस ने दो मुख्य अभियुक्तों मनोज गुर्जर और कपिल को गुरुवार को उसके बाद गरिधारी व आशीष को गिरफ्तार किया। पीड़ित पक्ष ने कहा कि हिंसा के बाद निर्दोष लोगों को भी फंसाया जा रहा है। अफसरों ने भरोसा दिया कि हिंसा में किसी निर्दोष व्यक्ति की गिरफ्तारी नहीं होगी।

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