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इस शहर में बच्चों के यौन शोषण को खत्म करने के लिए बनी टास्क यूनिट

मेरठ में व्यवसायिक यौन शोषण के लिए बच्चों की मांग करने वालों के खिलाफ प्रशासन हुआ एकजुट  

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मेरठ। हाईटेक तकनीक ने सेक्स का व्यापार करने वालों के लिए भी हर चीज आसान कर दी है। पहले रेड लाइट एरिया तक जाने के जरूरत पड़ती थी, लेकिन अब वाट्स एेप ग्रुप और सोशल नेटवर्किग साइट्स ने चीजों को आसान बना दिया। अब इन साइट्स और ग्रुपों पर ही चीजें आसानी से उपलब्ध हो जाती है। इस धंधे में खासकर जो चीज पुलिस और प्रशासन के लिए चिंता की है वह है यौन शोषण के लिए बच्चाें की डिंमाड। अब पुरुषों में पैसे के बदले बच्चों से सेक्स की डिमांड तेजी से बढ़ रही है। सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने व्यावसायिक यौन शोषण के लिए बच्चों की मांग को खत्म करने के लिए टास्क यूनिट का शुभारंभ किया। जिसके तहत सेक्स के लिए बच्चों की डिमांड करने वाले लोग कानून की गिरफ्त से नहीं बच सकेंगे। यह टास्क यूनिट यौन शोषण के लिए बच्चों की मांग को रोकने और इसके अपराधियों को दंडित करने का काम करेगा।

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बच्चों के यौन शोषण में जिले को बनाएंगे शून्य

मेरठ में व्यावसायिक यौन शोषण के लिए बच्चों की डिमांड के जघन्य कार्य को रोकने के उद्देश्य से फोकस्ड टास्क फोर्स की लॉन्च मीटिंग में सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने जिले के प्रमुख अधिकारियों के साथ इस मुद्दे के मांग पक्ष को कमजोर करने की पहल का सफलतापूर्वक नेतृत्व किया। इसका उद्देश्य मेरठ को 2019 तक बच्चों को वेश्यावृत्ति में धकेलने वाले यौन अपराधियों के लिए शून्य-सहनशीलता वाला जिला बनाना है। एफटीयू बच्चों के ग्राहकों पर ध्यान केंद्रित करके बच्चों की मांग कम करने की एक योजना विकसित करेगी। इस योजना के कार्यान्वयन की पूरी निगरानी की जाएगी। टास्क यूनिट के सदस्यों की पहली मीटिंग में यह निर्णय लिया गया। इस दौरान डीएम अनिल ढींगरा, एसएसपी मंजिल सैनी आदि मौजूद रहे। गौरतलब है कि व्यावसायिक यौन शोषण ने रेड लाइट क्षेत्रों के बाहर भी पांव पसार लिए हैं। अब यह आवासीय क्षेत्रों, मकानों, बंगलों, होटलों और लॉज में भी पनप रहा है।

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आन लाइन हो रहा काम

लोगों को लुभाने और दलाली का काम अब ज्यादातर ऑनलाइन किया जा रहा है, न कि अपराध के स्थान पर। दलाल, मैनेजर और एजेंट अब दिखाई नहीं पड़ते हैं। अब लेन-देन और बच्चों को निजी स्थानों तक पहुंचाने के लिए लोगों को लुभाने और दलाली में अधिकांश रूप से तकनीक फोन, व्हाट्स एेप, सोशल नेटवर्किंग साइट आदि का इस्तेमाल किया जा रहा है। शोषण के लिए लंबे उपयोगी जीवन, बिना दंड के शोषण का अधिक से अधिक दायरा, रिपोर्ट किए जाने का कम खतरा और कमजोर कानूनी कार्रवाई जैसी वजहों के चलते, पुरुषों में पैसे के बदले सेक्स के लिए बच्चों की मांग ज्यादा है।

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