
तितली के बाद अब सोशल मीडिया पर इंटरनेट यूजर्स को लेकर वायरल हुए इस मैसेज ने उड़ाई दुनिया की नींद
मेरठ। साइक्लोन 'तितली' के कई देशों में कहर मचाने के बाद लोगों को कुछ सुकूून मिला था, लेकिन 'तितली' के कहर को 24 घंटे भी नहीं बीते कि सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस मैसेज ने दुनिया की नींद उड़ा दी है। वायरल होने वाला यह मैसेज दुनिया भर के वाट्स एेप ग्रुपों में लोगों द्वारा पढ़ा जा रहा है। यह मैसेज पढ़कर लोग अपने-अपने मोबाइल आॅपरेटर को फोन कर मैसेज की सत्यता के बारे में जानकारी ले रहे हैं।
ये मैसेज हो रहा वायरल
वाट्स एेप ग्रुप और सोशल मीडिया पर वायरल होने वाला मैसेज यह है कि दुनिया भर के इंटरनेट यूजर्स को अगले 48 घंटे के अंदर मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। इसकी वजह ये है कि मुख्य डोमेन सर्वर और इससे जुड़े इंस्फ्रास्ट्रक्चर जो वेब को कंट्रोल करती है इसे कुछ समय के लिए बंद किया जाएगा। इस खबर को पढ़कर लोगों की बेचैनी बढ़ गई है। खासकर उन लोगों की जिनकी जिंदगी इंटरनेट बन गया है। इससे चिकित्सा जगत, बैंक और इंटरनेट से जुड़ी रोजमर्रा की चीजों पर गंभीर असर पड़ सकता है। मैसेज के अनुसार द इंटरनेट कॉर्पोरेशन ऑफ असाइंड नेम्स एंड नंबर्स यानी आईसीएएनएन। यह नॉन प्रॉफिट प्राइवेट ऑर्गनाइजेशन डोमेन नेम की रजिस्ट्री और आईपी अड्रेस प्रोवाइड करती है। यही संस्था अपनी क्रिप्टोग्राफिक कीज में कुछ बदलाव करने जा रही है।
क्रिप्टोग्राफिक कीज मे क्यों हो रहा है बदलाव
आईसीएएनएन के मुताबिक बढ़ते साइबर अटेक्स को मद्देनजर रखते हुए कंपनी क्रिप्टोग्राफिक की में बदलाव कर रही है। आपको बता दें कि क्रिप्टोग्राफिक कीज डोमेन नेम सिस्टम यानी डीएनएस को प्रोटेक्ट करने में मदद करती है। इसे आप इंटरनेट ऐड्रेस भी कहते हैं।
क्या दुनिया का हर इंटरनेट यूजर इससे प्रभावित होगा?
मैसेज में यह भी वायरल हो रहा है कि इससे क्या दुनिया का हर इंटरनेट यूरज प्रभावित होगा। तो इसका उत्तर है नहीं। क्योंकि कम्यूनिकेशन रेग्युलेटरी अथॉरिटी (सीआरए) ने एक स्टेटमेंट जारी किया है. इसमें कहा गया है,‘सिक्योर और स्टेबल क्छै के लिए ग्लोबल इंटरनेट शटडाउन जरूरी है। स्टेटमेंट में यह भी कहा गया है कि कुछ इंटरनेट यूजर्स इससे प्रभावित हो सकते हैं। ऐसा तब भी हो सकता है जब इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर इस बदलाव के लिए तैयार नहीं हैं।
कैसे बचें
कम्यूनिकेशन रेग्युलटरी अथॉरिटी सीआरए के मुताबिक इंटरनेट शटडाउन के प्रभाव से सिस्टम सिक्योरिटी एक्सटेंशन एनेबल करके इस प्रभाव से बचा जा सकता है। किस तरह की दिक्कतें हो सकती हैं। मोबाइल रिसर्च ग्रुप एल्डर मर्टाजिन के मुताबिक 48 घंटे के अंदर इंटरनेट यूजर्स को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। इंटरनेट ऐक्सेस करने में एरर मिल सकता है। इंटरनेट पेज स्लो लोड हो सकते हैं। पुराने सर्विस प्रोवाइडर्स के यूजर्स का इंटरनेट पूरी तरह से ब्लॉक हो सकता है ट्रांजैक्शन में भी परेशानी हो सकती है क्या आगे भी दिक्कतें होंगी। गौरतलब है कि आईसीएएनएन ने इसके लिए पहले भी कुछ टेस्ट किए हैं ताकि रिप्लेसमेंट प्रोसेस में कोई दिक्कत न आए और कम से कम दिक्कत में ये काम हो जाए। डिजिटल इकॉनॉमिक्स के स्पेशलिस्ट आर्सने श्लेस्टियन ने लोगों को भरोसा दिलाया है कि डरने की जरूरत नहीं है, क्योंकि मेन सॉफ्टवेयर पहले ही अपडेट कर लिया है इसलिए ज्यादा दिक्कत नहीं होगी।
Published on:
12 Oct 2018 06:56 pm
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