
इतने साल बाद रमजान का महीना जून में पड़ रहा, जानिए इसके पीछे की सच्चार्इ
मेरठ। इन दिनों भीषण गर्मी और फिर रोजेदारों के लिए रोजे के रहमत का महीना। बेतहाशा पड़ रही इस गर्मी में रोजेदारों के लिए मुसीबत बनी हुई है। बताते चलें कि पिछले साल भी रमजान का महीना जून में था और इस बार भी जून ही है। बात करें बीते 10 साल की तो रमजान का महीना कभी सर्दी में आया करता था, लेकिन अब यह जून की भीषण गर्मी में आ पहुंचा। ऐसा क्या कारण है कि 33 वर्ष बाद रमजान गर्मी के महीने में पड़ रहे हैं।
चांद कैलेंडर हर वर्ष होता है दस दिन कम
कारी शफीकुर्ररहमान के अनुसार चांद का महीना 29 या 30 का होता है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार चांद का कैलेंडर हर साल 10 दिन कम होता है। चांद के इस कलेंडर को अपना एक चक्र पूरा करने में 36 साल का समय लगता है। चांद के इस कैलेंडर के अनुसार अगले वर्ष भी ईद जून माह में ही पड़ेगी। 2020 से ईद जुलाई माह में मनानी शुरू हो जाएगी।
12 साल पहले की स्थिति
वर्ष 2006 में ईद का त्योहार 25 अक्टूबर को था। इसी तरह से देखा जाए तो 22 साल पूर्व यानी 1996 में यह त्योहार 22 फरवरी को मनाया गया। यानी 1996 में जनवरी माह में रमजान मनाया गया। इसी तरह 32 वर्ष पूर्व 1986 में 10 जून को ईद थी। 1985 में 21 जून को ईद आई थी। 2018 में ईद 16 जून को होने की संभावना है। कारी शफीकुर्रहमान ने बताया कि भीषण गर्मी से रोजेदारों को परेशानी हो रही है। पिछले वर्ष रमजान मई के अंतिम सप्ताह में आया था, लेकिन इस बार मई के दूसरे सप्ताह में आया है। अगले वर्ष रमजान पहले सप्ताह में आएगा।
रोजेदार डायटीशियन से ले सलाह
17 मई से शुरू हुए रोजों को लेकर रोजेदारों में उत्साह है, लेकिन भोजन का सेवन करने से डायबिटिज रोजेदार के शरीर के भीतर शुगर का असंतुलन हो जाने से रोजेदार को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, तो वे डायटीशियन से सलाह ले रहे हैं।
Published on:
07 Jun 2018 03:45 pm
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