
मेरठ। महाराष्ट्र के कोल्हापुर में हाईकोर्ट बेंच की स्थापना से पश्चिम के वकीलों में उबाल है। इसी कड़ी में आज मेरठ में पश्चिम के 22 जिलों के केंद्रीय संघर्ष समिति के पदाधिकारियों की बैठक नानक चंद सभागार में हुई। बैठक की अध्यक्षता चेयरमैन रोहिताश्व कुमार अग्रवाल और संचालन प्रबोध कुमार शर्मा ने किया। सभा में केंद्र सरकार के निर्णय का विरोध किया गया। चेयरमैन ने कहा कि मुंबई में हाईकोर्ट, नागपुर व औरंगाबाद में हाईकोर्ट की बैंच है। इसके बाद भी केंद्र सरकार ने कोल्हापुर में सर्किट बैंच स्थापित की है। महाराष्ट्र की कुल आबादी 12 करोड़ है, जबकि यूपी की पूरी आबादी 22 करोड़ है। इसके बावजूद यहां मात्र एक हाईकोर्ट की बैंच है, जबकि महाराष्ट्र से कहीं अधिक वाद यूपी में लंबित है। वेस्ट यूपी में हाईकोर्ट बैंच की मांग 40 वर्ष से की जा रही है, लेकिन केंद्र सरकार यह मांग मानने को तैयार नहीं है।
19 से 26 तक कामकाज ठप
बैठक में निर्णय लिया गया कि 19 फरवरी से 26 फरवरी तक वेस्ट यूपी के सभी 22 जिलों के तहसील व जनपद में सभी अधिवक्ता न्यायालयों में न्यायिक कार्य से पूर्ण रूप से विरत रहेंगे। कचहरी परिसर में सुबह दस से शाम पांच बजे तक वकील क्रमिक अनशन पर रहेंगे। अपने-अपने जनपदों में वकील डीएम के माध्यम से प्रधानमंत्री, विधि मंत्री और मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन भेजेंगे। 22 फरवरी को सभी जनपदों में वकील वाहनों से जागरूकता अभियान रैली निकालेंगे। 23 फरवरी को जनपद में पड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग को टोल फ्री किया जाएगा।
जो सांसद नहीं पहुंचेगा उसका विरोध
26 फरवरी को प्रेस क्लब आफ इंडिया दिल्ली में एक प्रेस कान्फ्रेंस की जाएगी। इसमें वेस्ट यूपी के सभी जनपदों के बार एसोसिएशन के पदाधिकारी अपने-अपने क्षेत्र के सांसद को लेकर पहुंचेंगे, जो सांसद प्रेस क्लब नहीं पहुंचेंगे। उनका बहिष्कार और उनके घर पर हल्ला बोला जाएगा।
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Updated on:
17 Feb 2018 09:08 pm
Published on:
17 Feb 2018 09:07 pm
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