
मेरठ। वीडियो में दिख रही ढोल बजातीं और गीत गाती ये महिलाएं किसी शादी या अन्य समारोह में नहीं आई हैं, बल्कि ये महिलाएं किसानों के धरने पर बैठी हुई हैं जो किसान के परिवार से आई हैं। ये नजारा है मेरठ की कमिश्नरी चौराहे का। जहां पर किसान भूमि अग्रिहीत के एक समान मुवाअजे दिए जाने समेत अपनी कई मांगों के लिए डटे हुए हैं। किसानों का कहना है कि वे मुआवजे पर फाइनल बात हो जाने पर ही यहां से वापस लौटेंगे।
शनिवार की देर शाम पहुंचे किसानों ने प्रशासन के अनुरोध पर अपर आयुक्त उदयीराम, एडीएम सिटी अजय कुमार तिवारी, सिटी मजिस्ट्रेट संजय पांडेय, एसपी सिटी अखिलेश नारायण सिंह, सीओ सिविल लाइन हरिमोहन सिंह आदि ने रालोद के हस्तिनापुर क्षेत्र अध्यक्ष चौधरी यशवीर सिंह, किसान प्रतिनिधि टीकम सिंह नागर, डा. बबली कसाना, अमरजीत सिंह, सतीश राठी, बाबू सिंह आर्य आदि से वार्ता की। किसानों के प्रतिनिधियों ने कहा कि वे कमिश्नर से वार्ता करके ही वापस लौटेंगे। एनएचएआई अधिकारी किसानों की बात नहीं मान रहे। गाजियाबाद प्रशासन भी इस मामले में कुछ नहीं कर पा रहा। रविवार को नहीं तो सोमवार को वार्ता करके ही लौटेंगे। अब किसानों को वार्ता के लिए सोमवार तक का इंतजार है। वहीं किसानों ने कहा कि उन्हें कोई जल्दी नहीं है वे आरपार की लड़ाई के बाद ही यहां जाएंगे।
बता दें कि डासना के सैकड़ों गांवों के किसान एक समान मुआवजे की मांग को लेकर चार दिन पहले डासना से चले थे। पदयात्रा शनिवार की शाम को मेरठ कमिश्नरी पर पहुंच गई थी। किसानों ने कमिश्नरी स्थिति चौधरी चरण सिंह पार्क में डेरा डाल दिया। किसानों की जिद है कि जब तक कमिश्नर से उनकी बात नहीं हो जाती तब तक वे वहां से जाने वाले नहीं हैं।
कमिश्नरी छावनी में तब्दील
मेरठ कमिश्नरी चौराहे और उसके आसपास के क्षेत्र को छावनी में तब्दील कर दिया है। आज सुबह से ही कई थानों का फोर्स चौराहे पर हर जगह तैनात है। कमिश्नरी कार्यालय को चारों ओर से घेरा हुआ है ताकि किसान जोर-जबरदस्ती कर कार्यालय में एंट्री न कर सकें।
Published on:
03 Nov 2019 07:14 pm
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