
मेरठ। महानगर के शराब के ठेकों से करीब एक सप्ताह से शराब का स्टाक खत्म होने से सुरा के शौकीनों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ठेकों की हालत यह है कि वे 31 मार्च से पहले ही खाली हो गए। अधिकांश ठेकों पर नो स्टाक का बोर्ड लटका दिया गया है। जिसके चलते शराब के शौकीन दिन भर शराब के लिए भटकते रहते हैं। जिनको प्रतिदिन पीने की आदत है उन्होंने अब अंग्रेजी छोड़ देशी दिलदार का दामन थाम लिया है। अंग्रेजी शराब के जिन ठेकों पर खुलने से पहले ही लोगों की भीड़ लगी रहती थी। आज उन ठेकों पर कोई ब्रांड उपलब्ध नहीं है। जिस कारण ठेके खुलते तो जरूर हैं, लेकिन उनके पास कोई ग्राहक नहीं आता। स्टाक उपलब्ध न होने के कारण लोगों ने देसी के ठेके की तरफ रुख किया है।
नई आबकारी नीति के कारण हुई परेशानी
ठेेकों पर स्टाक की किल्लत नई आबकारी नीति के चलते हुई है। पूरे प्रदेश में भाजपा सरकार ने इस बार नई आबकारी नीति लागू कर दी है। जिसके तहत जिले की सभी दुकानों का अलग-अलग आवंटन हुआ है। इससे पहले पूरे जिले का ठेका एक ही व्यक्ति के पास होता था। करीब 15 साल से मेरठ ही नहीं पूरे प्रदेश में पोंटी चड्ढा ग्रुप का वर्चस्व था। जिसने प्रदेश के सभी ठेेके लिए हुए थे। लेकिन भाजपा सरकार ने उसका वर्चस्व तोडते हुए नई आबकारी नीति का निर्धारण किया और जिले में स्थित सभी देशी व विदेशी मदिरा और भांग की दुकान के ठेके अलग-अलग तरह से टेंडर मंगाकर दिए गए।
दिल्ली और हरियाणा से लाई जा रही शराब
मेरठ में ठेकों से कोटा खत्म होने के बाद से शराब के शौकीनों का दिल्ली और हरियाणा से शराब मंगवानी पड़ रही है। मेरठ से प्रतिदिन दिल्ली और हरियाणा जाने वालों संख्या हजारों में है। शराब के शौकीन इन्हीं लोगों को सुबह रूपये दे देते हैं और ये लोग दिल्ली या हरियाणा से बोतल लाकर शौकीनों को दे रहे हैं।
Published on:
01 Apr 2018 12:17 pm
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