
शहीद को अंतिम विदार्इ देने के लिए जुटा पूरा गांव, लेकिन इनकी गैरमौजूदगी से बढ़ गया आक्रोश, देखें वीडियाे
मेरठ। पंजाब में आतंकी हमले में गोली लगने से घायल हुए बीएसएफ के जवान ने गुरूवार की रात दम तोड़ दिया। उसका पार्थिव शरीर उसके गांव लाया गया। शर्मनाक बात यह रही कि शहीद के पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि देने के लिए तो पूरा गांव जुटा, लेकिन शोकसभा में चंद फूल चढ़ाने न तो नेता पहुंचे और न कोई प्रशासनिक अधिकारी। जबकि इसकी जानकारी पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को पहले दी जा चुकी थी। पुलिस प्रशासन और नेताओं की इस बेशर्मी पर गांव में भी चर्चा रही।
ड्यूटी पर हमले में घायल हुआ था सनोज
बताते चलें कि एक पखवाड़ा पूर्व पंजाब में आतंकी हमले के दौरान ड्यूटी पर तैनात बीएसएफ का जवान घायल हो गया था। घायल जवान सनोज कुमार मेरठ के किठौर थाना क्षेत्र के गांव गोविंदपुर शकरपुर का निवासी था। वह पंजाब के जलालाबाद में बीएसएफ की 118 बटालियन में कांस्टेबल था। बीती 8 नवंबर की रात में ड्यूटी के दौरान आतंकियों ने हमला कर दिया था। जिससे उसके पेट में गोली लगी थी और वह घायल हो गया था। उसे जलालाबाद के सैन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालात में सुधार न होने पर उसके परिजनों को जानकारी देकर मेरठ से उनको जलालाबाद बुला लिया गया था। शहीद जवान सनोज कंकरखेड़ा में अपनी पत्नी के साथ किराये पर रहता था। उनकी एक दस वर्षीय बेटी भी है जो कि कक्षा चार में पढ़ती है।
नहीं पहुंचा कोर्इ अधिकारी आैर नेता
आज सुबह सनोज का पार्थिव शरीर गांव गोविंदपुर पहुंचा तो गांव में मातम पसर गया। पूरा गांव गमगीन हो गया। गांव वासियों ने प्रशासनिक अधिकारियों और पुलिस अधिकारियों को भी शहीद जवान का शव पहुंचने का समाचार भिजवाया, लेकिन तीन घंटे तक कोई नहीं पहुंचा। अंत में शहीद की चिंता को मुखाग्नि उसके भाई द्वारा दी गई। मौके पर पूरा गांव और आसपास के क्षेत्र के लोग भी मौजूद रहे। सभी ने शहीद को अश्रुपूर्ण आंखों से अंतिम विदाई दी। इस बारे में जिलाधिकारी अनिल ढींगरा का कहना था कि उनके पास कोई लिखित आदेश या इस प्रकार की जानकारी नहीं थी कि मेरठ के किसी जवान को गोली लगी है और वह शहीद हुए हैं। उन्होंने कहा कि अगर जानकारी होती तो शहीद को पूरा सम्मान दिया जाता।
Published on:
23 Nov 2018 08:10 pm
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