
Notebandi Ke 2 Saal: इस देश में धड़ल्ले से चल रहे भारत के बंद 500 और 1000 के नोट
केपी त्रिपाठी, मेरठ। नोटबंदी को आज भले ही देश में दो साल हो गए हो। देशवासियों के लिए बंद किए गए पुराने 500 और 1000 के नोट भले ही कागज का टुकड़ा हो गए हों, लेकिन अब भी विश्व में एक देश ऐसा है जहां पर भारत के बंद नोट धड़ल्ले से चल रहे हैं। यह देश और कोई नहीं भारत का पड़ोसी मुल्क नेपाल है। जहां आज भी नोटबंदी में बंद की गई भारतीय करेंसी धड़ल्ले से चल रही है। आठ नवंबर 2016 को पुराने 500 और 1000 रूपये के नोट को मोदी सरकार ने बंद कर दिया था। ये नोट तब से देश में चलन नहीं हैं। उसके बाद से ये नोट नेपाल भेजे जा रहे हैं। नेपाल के लोग भारत की इस पुरानी करेंसी को 60से 70 फीसदी पर खरीद कर उनको स्टोर कर रहे हैं। सरकारी बाधा के चलते आरबीआई ने नेपाल से अभी पुराने नोट वापस नहीं लिए हैं। नेपाल को उम्मीद है कि जल्द ही इसका अंतराष्ट्रीय स्तर पर इसका समाधान निकलेगा और भारत अपनी पुरानी करेंसी को वापस लेगा।
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मेरठ में आ चुके कई मामले
मेरठ समेत पश्चिम उप्र में कई बड़े मामले ऐसे पकड़ में आए जिसमें पांच सौ और एक हजार रूपये के नोटों की बड़ी खेप पकड़ी गई। इन खेपों को नेपाल भेजने की तैयारी थी। मेरठ में पकड़े गए 25 करोड़ की पुरानी करेंसी या फिर गाजियाबाद में पकड़ी गई एक करोड़ की पुरानी करेंसी का मामला हो। पकड़े जाने पर लोगों ने यही स्वीकार किया कि नोट नेपाल भेजे जाने थे। मेरठ जोन पुलिस की जानकारी में भी यह बात आई है कि नेपाल के कैसीनो में भारत की पुरानी करेंसी आसानी से चल रही है।
नेपाल में 950 करोड़ के पुराने नोट
आरबीआई के अनुसार नेपाल में बंद हुए भारतीय नोटों की संख्या 950 करोड़ रूपये है। इसकी पुष्टि खुद आरबीआई को नेपाल राष्ट्र बैंक के प्रवक्ता नारायण पौडेल ने की है। सितंबर 2018 में आरबीआई और नेपाल राष्ट्र बैंक की बैठक हुई थी। जिसमें नेपाल ने 25 हजार रूपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से नोटों को बदलने की मांग रखी थी, लेकिन आरबीआई ने मात्र 4500 रूपये तक ही प्रति व्यक्ति बदलने की मांग को स्वीकारा। दोनों देशों के प्रधानमंत्री के बीच द्विपक्षीय वार्ता के दौरान भी डिमोनेटाइज का मुद्दा उठ चुका है।
नोटों की तस्करी रोकने को विशेष व्यवस्था
आईबी के एक सूत्र की मानें तो पुराने नोटों की तस्करी भारत से नेपाल को हो रही है। इसको रोकने के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। जिन लोगों के पास भारत में आज भी बड़े पैमाने पर पुरानी करेंसी जमा है वह नेपाल के रास्ते उसको नई करेंसी में बदलवाना चाह रहे हैं। इसके लिए उसको 60 से 70 फीसदी पर नेपाल में बेचा जा रहा है। इस बारे में जब एडीजी प्रशांत कुमार से बात की गई तो उनका कहना था कि पुरानी करेंसी बंद होने के बाद वह भारत में रद्दी के अलावा और कुछ नहीं है। अगर लोग रद्दी एकत्र कर रहे हैं तो क्या किया जा सकता है। नेपाल में पुराने नोट के चलन के बारे में सुना जरूर है। बीते माह पकड़े गए पुराने नोट भी नेपाल ही जाने वाले थे, लेकिन उससे पहले ही पकड़ लिए गए। ये देश के लीगल टेंडर नहीं है।
Published on:
08 Nov 2018 06:48 pm
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