
Corona virus
पत्रिका न्यूज नेटवर्क
मेरठ . Meerut Corona virus : कोरोना की तीसरी लहर में अधिकांश मरीजों में बीमारी के गंभीर लक्षण सामने नहीं आ रहे हैं। लेकिन ऐसा भी नहीं है कि इससे लापरवाह हो जाएं। इसमें भी सावधान रहने की बहुत जरूरत है। कई मरीजों में नया वायरस पुराने डेल्टा वैरिएंट की तरह लक्षण लेकर उभर रहा है। डाक्टर समझ नहीं पा रहे हैं कि कितने ओमिक्रोन से संक्रमित हैं, और कितने डेल्टा से। कुछ मरीजों में आक्सीजन का स्तर गिरने से डाक्टर डेल्टा संक्रमण के फिर से उभरने की आशंका जता रहे हैं।
कोरोना की पिछली दोनों लहरों में वायरस बदलाव के साथ आया। दूसरी लहर में डेल्टा वायरस था, जिसकी वजह से बड़ी संख्या में मरीजों को निमोनिया हुआ। आक्सीजन का स्तर 94 प्रतिशत से घटकर 80 तक आ गया। शरीर में साइटोकाइन स्टार्म से बड़ी संख्या में मरीजों में मल्टीआर्गन फेल्योर हुआ। रक्त गाढ़ा होने से मरीजों को हार्ट अटैक हुआ।
डेल्टा में बुखार, गंध व स्वाद खत्म होना, डायरिया व संक्रमण के चौथे-पांचवें दिन से खांसी व सांस फूलने के लक्षण उभरते थे। अब भी कुछ ऐसा ही हो रहा है। नया वायरस डेल्टा संक्रमण की तरह ही लक्षण लेकर संक्रमित कर रहा है। इसमें तीन दिन से अधिक अगर बुखार है तो तुरंत चिकित्सक की सलाह लीजिए। निमोनिया की स्थिति में यह जानलेवा साबित हो सकता है।
डा0 संदीप गर्ग कहते हैं कि कोविड वायरस में 30 से ज्यादा म्यूटेशन होने के बाद ओमिक्रोन वैरिएंट कमजोर पड़ा। जनवरी में देशभर में अचानक मरीज बढ़ गए हैं। इनके बीच कई ऐसे हैं जिनमें सांस फूलने के भी लक्षण हैं। डाक्टरों ने आगाह किया है कि तीन दिन तक 100 डिग्री से ज्यादा बुखार आए तो डाक्टर से परामर्श लें। उन्होंने बताया कि संक्रमण की तस्वीर अगले कुछ दिनों में साफ होगी। बुखार तेज और देर तक चले तो निमोनिया का खतरा बनता है। ऐसे मरीजों को तत्काल डाक्टर से संपर्क करना चाहिए।
Published on:
12 Jan 2022 01:16 pm
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