मेरठ रजबन की रामलीला आसपास के जिलों में प्रसिद्ध है। राजबन की रामलीला में रावण का किरदार निभाने वाले सतीश इस कलयुग में राम के अनन्य भक्त हैं। मेरठ के ये रावण पूरे नौ दिन नवरात्र का उपवास भी रखते हैं।
रामलीला कमेटी रजबन बाजार हर साल की तरह इस बार भी बड़ी धूमधाम से रामलीला का आयोजन कर रही है। जिसमें रामलीला करने वाले स्थानीय लोग हैं। मेरठ रजबन की रामलीला 65 साल पुरानी है।
राजबन की रामलीला में रावण की भूमिका निभाने वाले सतीश यादव हैं। सतीश यादव रामलीला में रावण की भूमिका तो निभाते हैं। लेकिन अपने असली जीवन में वो श्रीराम के अनन्य भक्त हैं। सतीश यादव में अभिनय कूट—कूटकर भरा हुआ है।
मुकेश के गाने और रफी के नगमें भी सतीश यादव जब गाते हैंं तो उनको सुनने के लिए मंच के चारों ओर लोगों की भीड़ उमड़ पड़ती है। कहते हैं देवी जागरण में जब सतीश यादव भजन गाते हैं तो लगातार दो तीन घंटे तक गाते रहते हैं। रामलीला में रावण का किरदार निभाने वाले सतीश यादव के अभिनय ने दर्शकों के मन में अमिट छाप छोड़ी है। सतीश यादव पिछले कई सालों से रामलीला में रावण की भूमिका निभाते आ रहे हैं। रावण की भूमिका के दौरान अपने चरित्र के साथ सभी का ध्यान आकर्षित करते हैं।
रावण महान पंडित और विद्वान था
सतीश यादव कहते हैं आज भले ही रावण को समाज में बुरी दृष्टि से देखा जाता है। लेकिन रावण एक महान पंडित और विद्वान था। रावण शिव का अनन्य भक्त थे। सतीश यादव का कहना है कि वो जब रावण का अभिनय करने के लिए मंच पर आते हैं तो उनके भीतर एक शक्ति का संचार होता है।
जिससे वो रावण रूपी किरदार को जीवांत करते हैं। सतीश यादव कहते हैं कि वो रामलीला में भले ही रावण की भूमिका निभाते हैं लेकिन असली जीवन में वो श्रीराम के उपासक हैं। सतीश यादव प्रत्येक नवरात्र में देवी के व्रत रखते हैं।