
बागपत। कैराना में 28 मई को भाजपा सांसद हुकुम सिंह के निधन के बाद खाली हुई लोकसभा सीट पर मतदान होना है। इसके साथ ही बिजनौर जिले की नूरपुर विधानसभा सीट पर भी वोटिंग है। इससे ठीक एक दिन पहले 27 मई को पीएम नरेंद्र मोदी ने बागपत में 135 किेलोमीटर लंबे ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे का उद्घाटन कर उसे जनता को समर्पित कर दिया। इसके बाद उन्होंने कैराना से सटे बागपत जिले के खेकड़ा कस्बे में जनसभा को भी संबोधित किया और विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। जिसकी वजह से विपक्ष नाराज है। हालांकि विपक्ष की मांग पर चुनाव आयोग ने पहले ही साफ कर दिया था कि वह रैली पर रोक नहीं लगाएगा क्योंकि बागपत में आचार संहिता लागू नहीं है।
रैली को लेकर पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए रालोद के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे ने कहा कि पिछले 4 साल में मोदी सरकार जनता के लिए कुछ नहीं कर पायी है। ऐसे में अब वह चुनाव को प्रभावित करने के लिए सुनियोजित साजिशें रच रही है। हालांकि मोदी की रैली का चुनाव पर असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि जनता जान चुकी है कि यह सरकार जुमले वाली सरकार है। आपको बता दें कि कैराना उपचुनाव में सपा-रालोद गठबंधन की प्रत्याशी तबस्सुम हसन का मुकाबला भाजपा प्रत्याशी मृगांका सिंह से है। रालोद इस उपचुनाव में अपने पुराने वोट बैंक जाट-मुस्लिम को जोड़ना चाहता है। इसलिए रालोद अध्यक्ष चौधरी अजीत सिंह और उपाध्यक्ष जयंत चौधरी पूरे जी जान से जुटे हैं।
कैराना उपचुनाव के लिए 26 मई को चुनाव प्रचार खत्म हो चुका है। गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीटों पर उपचुनाव में हार के बाद भाजपा किसी भी कीमत पर इस उपचुनाव को जीतकर अपनी प्रतिष्ठा बचाना चाहती है। कैराना लोकसभा क्षेत्र में मुस्लिम और जाट आबादी की अच्छी संख्या है। कैराना उपचुनाव में पार्टी प्रत्याशी मृगांका सिंह के समर्थन में सीएम योगी और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य भी रैलियां कर चुके हैं। अब 26 मई को चुनाव प्रचार थमने के बाद कैराना से सटे बागपत जिले में पीएम मोदी की हुई रैली को भाजापा की चुनावी लाभ लेने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है, जिससे विपक्ष नाराज है।
Published on:
27 May 2018 06:28 pm
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