
'तितली' ने यूपी के इस जनपद के धान किसानों को डाल दिया मुश्किल में, माैसम विभाग भी नहीं लगा पाया यहां पूर्वानुमान
मेरठ। साइक्लोन 'तितली' का कहर हिन्द महासागर से शुरू हुआ आैर इसका असर पश्चिम उत्तर प्रदेश के जनपदों में देखा गया। मेरठ में भी 'तितली' ने धान किसानों के चेहरे का रंग उड़ा दिया है। मेरठ के देहात क्षेत्र में खासकर खादर में जहां किसान इन दिनों धान की फसल अच्छी होने की खुशी मना रहा था, लेकिन किसान की इस खुशी पर गुरूवार को ओले की बारिश ने धो डाली। अचानक से हुए मौसम परिवर्तन और ओले की बारिश ने धान की फसल को तबाह कर दिया है। खेत में तैयार खड़ी धान की फसल खेत में ही लेट गई।
आेले पड़ने से धान की फसल हुर्इ खराब
'तितली' तूफान के कारण चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र के मिलने से मेरठ सहित पश्चिम उत्तर प्रदेश में गुरूवार की सुबह अचानक से दिन में सुबह 11 बजे से ही तेज हवा चलने लगी और अंधेरा छा गया। इसकी चेतावनी देने में मौसम विभाग भी नाकाम रहा। दोपहर तीन बजे शुरू हुए ओले की बारिश ने मेरठ के मवाना और हस्तिनापुर के क्षेत्र को अपने कब्जे में ले लिया। पूरे क्षेत्र में 30 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चली। इससे शहर में विभिन्न स्थानों पर पेड़ और बिजली के खंबे भी उखड़ गए। कई स्थानों पर बिजली आपूर्ति पूरी तरह से बाधित हो गई। बारिश और ओलावृष्टि भी हुई। वेस्ट यूपी में अचानक से आए इस तूफान और आंधी-पानी ने किसानों को भी भारी नुकसान पहुंचाया है।
तितली का असर दिखा पूरे जनपद में
तितली साइक्लोन का असर मेरठ में गुरूवार को सुबह से ही दिखाई देने लगा था। तेज हवाओं के साथ आए तूफान से जनजीवन अस्तव्यस्त कर दिया। पहले से तूफान को लेकर कोई अलर्ट या चेतावनी जारी नहीं की गई थी। 30 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से चली हवाओं के बीच बिजली कड़कने, पेड़ और टीनशैड उखड़ने के शोर से जिले के लोग सहम गए। तेज हवा से शहर और देहात क्षेत्र में अनेक पेड़ और बिजली के खंभे उखड़ गए। बिजली आपूर्ति पूरी तरह से प्रभावित हुई। बारिश और ओलावृष्टि से दिन-रात के तापमान में व्यापक गिरावट आई है।
Published on:
12 Oct 2018 08:05 pm
बड़ी खबरें
View Allमेरठ
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
