
मेरठ। मेरठ (Meerut) के पवन जल्लाद (Pawan Jallad) के खानदान का पेशा फांसी (Hanging) देना रहा है। पीढिय़ों से चले आ रहे इस काम का जिम्मा अब पवन के कंधे पर है। निर्भया (Nirbhaya) के हत्यारों के डेथ वारंट पर जैसे ही जज ने साइन किए तो तय हो गया कि फांसी की घड़ी नजदीक आ गई है। पवन जल्लाद को अब मेरठ जेल (Meerut Jail) से आदेश मिले हैं वह प्रतिदिन जेल जाकर यहां हाजिरी लगाएगा। इसके साथ-साथ जेल में प्रतिदिन दो घंटे फांसी देने का रिहर्सल भी पवन करेगा। पवन फांसी देने से तीन दिन पहले तिहाड़ (Tihar Jail) जेल का मेहमान होगा।
मायावती सरकार में मिला मकान
पवन का कहना है कि कांशीराम आवासीय योजना के तहत उन्हें मायावती सरकार में एक छोटा सा मकान मिल गया था। हालांकि मकान कुल जमा इतना बड़ा ही है कि बस परिवार की जैसे तैसे गुजर बसर हो सके, लेकिन सरकार से मकान मिला तो इसकी खुशी भी है।
जल्लाद कहलवाने में शर्म नहीं
पवन के अनुसार उन्हें खुद को जल्लाद कहने या लिखने में कोई शर्म नहीं आती, क्योंकि वे ऐसे लोगों को फांसी पर लटकाने का काम करते हैं जो समाज में जघन्य अपराध करते हैं, लेकिन उनके बच्चे अपने नाम के आगे जल्लाद जैसा शब्द नहीं लगाना चाहते। पवन बताते हैं कि उनका बेटा और बेटी स्नातक कर चुके हैं। आठवीं पास पवन को इस बात की खुशी है कि उनके बच्चे उससे अधिक पढ़ चुके हैं।
बच्चे नहीं करेंगे यह काम
पवन ने बताया कि बेटे ने इस पैतृक काम से तौबा कर ली है। उसने खानदान की विरासत संभालने से मना कर दिया है। वह नौकरी करेगा। पवन के बच्चे अपने दोस्तों में भी यह जाहिर नहीं होने देते कि उनका बाप अपराधियों को फांसी देने का काम करता है। पवन का कहना है कि उसे उस दिन का इंतजार है जब उसके बच्चों की अच्छी नौकरी लग जाएगी और उनके भी दिन अच्छे आएंगे।
Published on:
09 Jan 2020 12:19 pm
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