
मेरठ. सरकार ने निकाय चुनाव खत्म होते ही बिजली की दरों में बढ़ोतरी कर दी है। वोट हासिल करते ही बिजली की दर बढ़ाने की वजह से ग्रामीणों में खासा रोष है। ग्रामीणों ने सरकार की ओर से बढ़ाई गई बिजली की दर को सिरे से खारिज कर दिया है। लोगों ने साफ शब्दों में कहा है कि यह जनता के साथ धोखा है और हम बढ़ी हुई बिजली की दर को किसी कीमत पर मंजूर नहीं करेंगे।
मीटर उखाड़ फेंकने की ग्रामीणों ने दी धमकी
ग्रामीणों ने साफ शब्दों में कह दिया है कि बिजली विभाग ने अगर घरों में मीटर लगाए तो मीटर उखाड़ फेंकेंगे और मीटरों की होली पश्चिमांचल विद्युत वितरण कार्यालय के सामने जलाएंगे।
मेरठ छुर गांव में 100 गांवों के ग्रामीणों ने किया मंथन
गांव छुर में मेरठ जिले के करीब 100 गांवों के ग्रामीण एकत्र हुए। जहां पर भारतीय किसान यूनियन के नेतृत्व में ग्रामीणों की महापंचायत हुई। इस महापंचायत में भाकियू ने विद्युत की बढ़ी हुई दरों का विरोध किया। ग्रामीणों का कहना था कि सरकार गांवों में बिजली आपूर्ति को ठीक से करवा नहीं पा रही और घरों में मीटर लगाने की बात कर रही है। ग्रामीणों ने घरेलू बिजली मीटर लगने का विरोध किया। ग्रामीणों ने एक सुर में बढ़ी हुई बिजली की दर वापस लेने, आवास से पहले नलकूप पर मीटर लगाने और बिजली संबंधित शिकायतों के निस्तारण की मांग की।
महापंचायत में कहा कि भाजपा सरकार ने बिजली की दरों में अप्रत्याशित तरीके से वृद्धि कर सभी वर्गों की कमर तोड़ दी है। सरकार के इस फैसले से किसान पर बड़ा असर पड़ेगा। इस दौरान भाकियू के चंद्रपाल ने कहा कि गांवों में बिजली की आपूर्ति अनियमित है और किसानों को लो-वोल्टेज की समस्या से भी दो-चार होना पड़ता है। जिस कारण खेतों में ठीक तरह से सिंचाई नहीं हो पाती। उन्होंने चेतावनी दी कि सरकार ने जो विद्युत दर बढाई है, उसे वापस ले। जब तक दरे वापस नहीं होंगी, गांव में मीटर नहीं लगने देंगे। ग्रामीणों की मांग है कि गांव में घरों के भीतर मीटर लगाने से अच्छा है कि सरकार नलकूपों पर मीटर लगाए।
Published on:
04 Dec 2017 03:07 pm
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