
EPFO ने अगस्त में जोड़े 14.81 लाख नए सदस्य, 12.61 प्रतिशत की हुई बढ़ोतरी
मेरठ. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) अपने खाताधारकों के लिए झंझट से आजादी की मुहिम चला रहा है। इसके तहत ईपीएफओ ने अपने सदस्यों के लिए ई-नामिनेशन की सुविधा शुरू की है। वह जब चाहें खाते में दर्ज नामित व्यक्ति (नामिनी) को आनलाइन बदल सकते हैं। स्वजन या नामित का ब्योरा और फोटो सेवा पोर्टल पर अपलोड कर सकते हैं। अभी तक खाताधारक नियोक्ता के पास जाकर स्वजन व नामिनी का ब्योरा दर्ज कराते थे। इसमें अधिक समय लगता था।
नामिनी बदलने के लिए नहीं होगी किसी की जरूरत
नामिनी बदलने के लिए सदस्यों को नियोक्ता से अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी। यह सुविधा उन्हीं अंशधारकों को मिलेगी, जिनके यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) के साथ आधार कार्ड अपलोड हो चुका है। नामिनी बदलने का अधिकार मिलने के बाद अंशधारक अपनी सुविधानुसार किसी को भी दावा भुगतान लेने के लिए नामित कर सकते हैं।
नामिनी को बिना चक्कर लगाए मिल जाएगा भुगतान
अंशधारक की असमय मौत पर नामिनी को बिना चक्कर लगाए भुगतान मिल जाएगा। फोटो और ब्योरा अपलोड होने से विवाद भी नहीं होगा। झंझट से आजादी दिलाने के लिए ईपीएफओ सदस्यों और संस्थानों को जागरूक कर रहा है। सितंबर माह में सौ फीसद खातों में ई-नामिनेशन का लक्ष्य रखा गया है।
अंशधारकों को किया जा रहा जागरूक
मेरठ कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के क्षेत्रीय आयुक्त मोहम्मद शारिक ने बताया कि ई-नामिनेशन के लिए नियोक्ता और अंशधारकों को जागरूक किया जा रहा है। डिजिटल इंडिया के तहत ई-क्लेम जरूरी है। आजादी के अमृत महोत्सव के तहत सदस्यों को झंझट से आजादी की मुहिम चलाई जा रही है। हर रोज विशेष कार्यक्रम समाधान के जरिये शिकायतों का त्वरित निस्तारण करने के साथ सदस्यों को ई-नामिनेशन का महत्व बताया जा रहा है। नियोक्ता को जागरूक एवं प्रोत्साहित किया जा रहा है।
BY: KP Tripathi
Published on:
22 Sept 2021 11:58 am
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