
मेरठ। नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) के विरोध के नाम पर मेरठ (Meerut) में हुए बवाल (Bawal) के बाद शहर में स्थिति सामान्य हो गई है। इसके बाद जिला प्रशासन और पुलिस अफसरों ने पुलिस लाइन के सभागार में शांति समिति (peace committee) की बैठक बुलाई। बैठक में शहर काजी समेत प्रमुख उलेमा और अन्य लोग शामिल हुए।
बैठक में एसएसपी अजय साहनी (SSP Ajay Sahni) ने दो टूक शब्दों में कहा कि बवालियों को खुद थाने में लाकर पुलिस (Police) को सौंप दिया जाए। पुलिस किसी के घर दबिश देने नहीं जाएगी। अगर आप लोग पुलिस-प्रशासन का सहयोग करेंगे तो हम भी आप लोगों को पूरा सहयोग प्रदान करेंगे। हर संभव मदद की जाएगी। अधिकारियों ने कहा कि जिम्मेदार लोगों को अपनी जिम्मेदारी समझने मात्र से काम नहीं चलेगा। इसके लिए उन्हें आगे भी आना होगा। तभी उनकी जिम्मेदारी का अहसास समाज को हो पाएगा।
इस दौरान कारी शफीकुर्ररहमान कासमी ने कहा कि माहौल के मद्देनजर अभी गिरफ्तारी उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि हिंसा में निर्दोष लोगों पर कार्रवाई नहीं होनी चाहिए। बेकसूर लोगों के घर रात में पुलिस की दबिश नहीं होनी चाहिए। पुलिस रात में दीवारों पर सीढिय़ां नहीं लगाएं। उन्होंने कहा कि पर्याप्त सुबूत के आधार पर ही बवालियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने हिंसा के जांच की मांग की।
कारी अफ्फान ने कहा कि हिंसा में कुछ ऐसे लोग शामिल थे। जिनके कारण बेकसूर लोगों के नाम भी सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम हिंसा भड़काने वालों के साथ नहीं हैं, लेकिन इसके नाम पर किसी निर्दोष को फंसाया जाता है तो यह हम नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने आगजनी की है या तोडफ़ोड़ की है, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। इससे हमें कोई ऐतराज नहीं है। इस पर एसएसपी ने आश्वासन दिया कि किसी निर्दोष व्यक्ति को जेल नहीं भेजा जाएगा। बवालियों की गिरफ्तारी पहले बताकर की जाएगी।
Published on:
24 Dec 2019 12:44 pm
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