
मेरठ। कोरोना वायरस के कारण चल रहे लॉकडाउन पर पुलिस ने सख्ती बरतनी शुरू कर दी है, लेकिन इसमें पुलिस उन लोगों के साथ दुव्र्यवहार करने से भी नहीं चूक रही, जो कोरोना योद्धाओं की भूमिकाओं में हैं। पुलिस लॉकडाउन का पालन कराने के नाम पर आम लोगों को भी पीट रही है और स्वास्थ्यकर्मियों को भी। जनपद के रोहटा क्षेत्र में कैथवाड़ी में क्वारंटीन लोगों के सैंपल लेकर लौट रही स्वास्थ्य विभाग की टीम को पुलिस ने दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। इसके बाद एसएसपी अजय साहनी ने एक सिपाही को लाइन हाजिर करते हुए इंस्पेक्टर रोहटा व दरोगा के खिलाफ एसपी देहात को जांच सौंपी है।
शनिवार की शाम रोहटा सीएचसी पर स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी के पद पर तैनात उमेश कुमार अपने सहयोगियों आशुतोष शुक्ला और मोहित कुमार के साथ कार से सीएचसी लौट रहे थे। इनका आरोप है कि रोहटा बस स्टैंड पर पुलिस ने चेकिंग की बात कहकर स्वास्थ्यकर्मियों को कार से उतार लिया। स्वास्थ्य कर्मी बताने और आईकार्ड दिखाने के बावजूद भी पुलिसकर्मियों ने उनसे अभद्रता की। विरोध करने पर दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। उमेश कुमार ने इसकी सूचना अपने उच्चाधिकारियों को दी।
इसके बाद घटना के विरोध में सभी चिकित्सक और कर्मचारी एकजुट हो गए और चेतावनी दी कि जब तक आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाएगी तब तक स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह ठप रखी जाएगी। स्वाथ्यकर्मियों की चेतावनी को देखते हुए एसएसपी ने सख्त रुख अपनाते हुए एक सिपाही को लाइन हाजिर कर दिया है और रोहटा इंस्पेक्टर और दरोगा के खिलाफ जांच बिठा दी है। उन्होने कहा कि जांच रिपोर्ट आने के बाद इनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
Published on:
10 May 2020 11:17 am
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