
मेरठ। बसपा के पूर्व मंत्री याकूब कुरैशी और उनका बेटा इमरान पुलिस की जांच में फंसते जा रहे हैं। पुलिस ने याकूब पक्ष से बैनामा संबंधी सारे दस्तावेज एक सप्ताह में उपलब्ध कराने को कहा था, लेकिन सप्ताहभर बीत जाने के बाद भी पुलिस को दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए गए। इसके बाद पुलिस ने पिता-पुत्र ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है, क्योंकि याकूब-इमरान पर दस्तावेज नहीं देने के कारण उन पर लग रहे आरोपों की पुष्टि होती जा रही है।
खरखौदा क्षेत्र में हापुड़ रोड पर धोखाधड़ी करके करोड़ों रुपये की कीकत की जमीन पर कब्जा करने के मामले में पूर्व मंत्री याकूब कुरैशी और बेटे इमरान की घेराबंदी चल रही है। गांव हाजीपुर निवासी मुजम्मिल ने दोनों के खिलाफ धोखाधड़ी और जानलेवा हमले की धाराओं मं मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस की जांच में सामने आया है कि साल 2002 में मुजम्मिल की मां नीरा की मौत हुई थी। इस दौरान आबिद नाम के एक युवक ने फर्जी तरीके से मुजम्मिल की जमीन का बैनामा करा लिया था, लेकिन उसका दाखिल खारिज नहीं हुआ। इसके बाद कोर्ट ने आबिद का बैनामा खारिज कर दिया। इसके तीन साल बाद इस जमीन का बैनामा आबिद से पूर्व मंत्री याकूब कुरैशी ने कर लिया।
कोर्ट ने इस बैनामें को फर्जी मानते हुए मुजम्मिल के हक में कब्जे का आदेश दिया था। उसके बाद पिता-पुत्र ने कब्जे को लेकर मुजम्मिल से विवाद हुआ था। जिस पर मुजम्मिल ने दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। जांच में पूर्व मंत्री याकूब कुरैशी पक्ष से एक सप्ताह में बैनामा संबंधी दस्तावेज मांगे थे, जो पुलिस को सौंप नहीं सका। सीओ किठौर आलोक सिंह का कहना है कि जांच में याकूब कुरैशी के खिलाफ सबूत मिले हैं। सभी बिन्दुओं पर जांच चल रही है।
Published on:
29 Oct 2019 05:27 pm
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