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Ground Report: मंडियों में खरीदार घटने से फल और सब्जियों के दामों पर पड़ रहा असर, इतने रह गए भाव

Highlights मेरठ की मंडियों में फल और सब्जियों की भरपूर आवक लॉकडाउन के चलते मंडियों से नहीं उठ पा रहा माल सामान्य दिनों के मुकाबले फल और सब्जियों के भाव कम  

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meerut

मेरठ। लॉकडाउन के चलते मंडियों में सब्जी और फल की आवक भरपूर है। खरीददार कम होने पर इनके दाम फर्श पर आ गए हैं। हालात यह है कि मई के शुरूआती महीने में जो खरबूजा मेरठ में 50 रूपये किग्रा से कम नहीं बिकता था, आज वही 20 रुपये प्रति किलोग्राम बिक रहा है। सब्जियों में लौकी जो कि 20 रुपये किलो हुआ करती थी आज वह 20 रूपये की 5 किलो मिल रही है। मंडियों में कोरोना संक्रमण का खौफ ऐसा है कि लोगों ने वहां जाना ही छोड़ दिया है। अब तो मंडी में आढ़ती भी नहीं पहुंच रहे हैं जिसके चलते मंडियों में खरीदार कम होने लगे। फल विक्रेता मोनू बताते हैं कि इन दिनों शादी और अन्य त्योहारों का सीजन होने के कारण फलों औेर सब्जियों के दाम आम तौर पर आसमान पर होते थे। लॉकडाउन के चलते इस समय सब बंद है। जिसके चलते माल मंडियों में पड़ा हुआ है। माल का उठान कम होने के कारण ही मूल्यों मेें गिरावट आई है। मंडियों में फल और सब्जियों का स्टाक बच रहा है। थोक में सब्जियां बेहद सस्ती हैं।

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फुटकर में सब्जियों के दाम ज्यादा

फुटकर में कुछ सब्जियों को छोड़ दें तो कई सब्जियां की कीमत तो इतनी कम हो गई हैं कि जिसका अंदाज लगाना कठिन है। आलू और प्याज के साथ ही अन्य सब्जियों का स्टाक सरप्लस हो रहा है। लोगों की भीड़ कम हो रही है। ऐसे में सब्जी की बिक्री भी कम होने लगी। किसान भी परेशान हैं कि उनकी लागत तक नहीं निकल रही। थोक में भी अधिकांश सब्जियों की कीमतों में अधिक अंतर नहीं है। मोनू ने बताया कि जो आम इन दिनों 160 रूपये किलो बिकता था, आज वह 100 रुपये किलो बिक रहा हैं। तुरई, मटर, परवल, कटहल आदि सब्ज्यिां के दाम भी काफी कम हुए हैं।

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बाहर नहीं जा पा रहे फल और सब्जियां

गंगा के खादर में बड़े पैमाने पर खरबूजे और सब्जियों की खेती होती है। इस समय खरबूजा और सब्जियों की फसल पककर पूरी तरह से तैयार है, लेकिन लॉकडाउन के चलते यह बाहर नहीं निकल पा रहा है। जिसके चलते मेरठ में ही स्टाक इतना अधिक हो गया है कि किसानों को और फल व्यापारियों को यह बेभाव बाजार में निकालना पड़ रहा है। मंडी के आढ़तियों को कहना है कि लॉकडाउन के चलते शादी-ब्याह और अन्य कार्यक्रम भी बंद हैं। वहीं होटल व्यवसाय भी पूरी तरह से ठप पड़ा हुआ है। जिसके कारण सब्जियों और फलों की खपत बहुत कम हो रही है। इस कारण से भी इनके दामों में भारी गिरावट आई है।