
मेरठ। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) को मेरठ (Meerut) आगमन के दौरान थाना परतापुर की सीमा में प्रवेश करते ही नोटिस तालीम कराया गया। नोटिस में अवगत कराया गया कि जनपद में धारा 144 लागू है। जो कि जिला की वर्तमान स्थिति को देखते हुए अतिसंवेदनशील है। यदि आपके शहर में प्रवेश करने से कोई कानून-व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न होती है तो उसका सम्पूर्ण दायित्व दोनों नेताओं का होगा। कांग्रेसी नेताओं (Congress Leaders) को यह भी अवगत कराया गया कि यदि वे शांतिपूर्ण ढंग से मेरठ में आना चाहते हैं तो इस पर प्रशासन को कोई आपत्ति नहीं है। नोटिस तालीम करवाने के बारे में जब मीडिया ने राहुल से बात की तो उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि एक नोटिस उनको दिया गया है। वह क्यों दिया गया है। इसके बारे में वे नहीं बता सकते।
बता दें कि बिजनौर के बाद मेरठ आ रहे कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा और राहुल गांधी को पुलिस ने परतापुर पर रोका और वापस लौटा दिया। वे यहां नागरिकता संशोधन कानून के विरोध को लेकर हुई हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों से मिलने आ रहे थे। पुलिस-प्रशासन राहुल गांधी व प्रियंका वाड्रा को मेरठ सीमा पर मोहिउददीनपुर के पास ही रोकने की तैयारी में था। इसलिए खरखौदा की तरफ से आने पर भी उन्हें रोकने के लिए पुलिस बल तैनात थी। लेकिन जैसे ही पुलिस ने मोहिउददीनपुर के पास राहुल प्रियंका की गाड़ी को रोकने का प्रयास किया, काफिले में मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने सीओ और पुलिसकर्मियों को धक्का दिया और आगे निकल गए।
सीओ का कहना है कि वे बातचीत के लिए उन्हें रोकने का प्रयास कर रहे थे। इसके बाद वे आगे निकल गए। इसके बाद पुलिस ने उन्हें परतापुर पर रोका और वहां पर नोटिस तालीम कराया। जिसे पढने के बाद दोनों नेता दिल्ली वापस लौट गए। कांग्रेसियों ने इस बात की निंदा की। इमरान मसूद ने कहा कि हम हंगामा खड़ा करने नहीं आए थे। पीडि़तों को न्याय दिलाने और दर्द बांटने आए थे। दो दिन बाद राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा दोबारा आएंगे। कहा कि परतापुर पर रोके जाने के बाद परिजनो से प्रियंका वाड्रा ने फोन पर बात की है।
Published on:
24 Dec 2019 07:41 pm
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