
मेरठ। सुप्रीम कोर्ट के एससी-एसटी एक्ट में संशोधन के विरोध में दलित समाज के लोगों द्वारा दो अप्रैल को भारत बंद में हुए उपद्रव के बाद से दलितों के उत्पीड़न पर राज्य सभा सांसद कांता कर्दम ने बेहद नाराजगी जतार्इ है। उन्होंने लेडी सिंघम एसएसपी मंजिल सैनी से मिलकर दो टूक कहा है कि उपद्रव के आरोपियों को पकड़ने के नाम पर दलितों का उत्पीड़न किया जा रहा है आैर इस मामले को मुख्यमंत्री के सामने उठाएंगी। सांसद ने कहा कि भाजपा पूरी तरह दलितों के साथ है। दलित अपना आंदोलन पूरी तरह शांति के साथ कर रहे थे, लेकिन समाजवादी पार्टी आैर बहुजन समाज पार्टी के अराजक तत्वों ने इसे हिंसक बना दिया। उन्होंने एसएसपी से साफ कहा कि किसी भी हालत में बेगुनाह दलितों का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। एसपी सिटी व एसपी देहात अपने क्षेत्रों में विशेष निगरानी रखते हुए दलितों का उत्पीड़न न होने दें।
समिति गठन करने की मांग की
राज्य सभा सांसद ने उपद्रव के दौरान की गर्इ वीडियो कवरेज आैर मोबाइल क्लिपिंग के आधार पर जांच करने वाली एक समिति के गठन की भी मांग की। सांसद कांता कर्दम ने कहा कि दलितों के लिए केंद्र आैर राज्य सरकार ने विभिन्न योजनाएं चला रखी हैं, लेकिन सपा और बसपा इसे पचा नहीं पा रही हैं। इसी बौखलाहट में उन्होंने दलित समाज के शांतिपूर्ण आंदोलन में बीच में घुसकर तांडव किया आैर आंदोलन को बदनाम करने का षडयंत्र रचा।
दलितों काे भी है शिकायत
शोभापुर में अब भी तनाव बरकरार है। दो अप्रैल को यहां बवाल के बाद चार अप्रैल काे यहां दलित युवक गोपी पारिया की हत्या से तनाव पैदा हो गया था। मृतक गोपी के परिजनों ने भी कहा है कि हिंसा के बाद निर्दोष लोगों को फंसाया जा रहा है। निर्दोष लोगों के साथ यह कार्रवार्इ ठीक नहीं है।
Published on:
08 Apr 2018 03:56 pm
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