अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगी रैपिड रेल, सिर्फ 50 मिनट में पहुंचाएगी मेरठ सेे गुरुग्राम
Highlights
- अत्याधुनिक सिग्नल प्रणाली और ट्रेन कंट्रोल टैक्नोलाजी से लैस होगी रैपिड रेल
- अपनाई जाएगी यूरोपियन ट्रेन कंट्रोल सिस्टम सिग्नलिंग
- तेजी से चल रहा पिलर खड़े करने का कार्य

मेरठ. वह दिन अब अधिक दूर नहीं जब अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस रैपिड रेल मेरठ से दिल्ली तक फर्राटा भरेगी। इस ट्रेन में विश्व स्तरीय वह सब खूबियां होंगी, जो कि 21वीं सदी के टेक्नोलॉजी युग में ईजाद की गई हैं। दिल्ली से मेरठ तक पिलर खड़े करने का काम जोरों पर चल रहा है। काम इतनी तेजी से चल रहा है कि अब मेरठ शहर के भीतर तक मशीनें पहुंच चुकी हैं।
यह भी पढ़ें- अगर गाड़ी के आगे-पीछे लगा है लोहे का ये सामान तुरंत हटवा लें, 31 जनवरी से कटेगा 5 हजार का चालान
ये होंगी रैपिड की खूबी
मेक इन इंडिया पहल के तहत दिल्ली मेरठ रैपिड रेल कॉरिडोर में अत्याधुनिक सिग्नलिंग प्रणाली और ट्रेन कंट्रोल टेक्नोलॉजी का इस्तेेमाल किया जाएगा। एनसीआरटीसी के अधिकारियों के अनुसार अत्याधुनिक हाइब्रिड लेवल-3 की स्थिति को अपनाने के साथ-साथ लांग-टर्म इवोल्यूशन (एलटीई) के स्ट्रक्चर पर आधुनिक यूरोपीय ट्रेन कंट्रोल सिस्टम लेवल-2 सिग्नलिंग को अपनाया जाएगा। मेसर्स अल्स्टाम इंडिया को सिग्नलिंग व ट्रेन कंट्रोल, टेलीकम्युनिकेशन व पीएसडी सिस्टम के डिजाइन, सप्लाई, इंस्टालेशन और जांच का काम सौंपा गया है।
मेरठ से गुरुग्राम तक 50 मिनट में पूरी होगी दूरी
देश के पहले रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम के तहत एक ही रैपिड रेल में बैठकर यात्री मेरठ से गुरूग्राम तक की दूरी मात्र 50 मिनट में पूरी कर सकेंगे। उनको सफर के बीच में किसी स्टेशन पर उतरकर दूसरी रैपिड रेल में सवार नहीं होना होगा। इससे मेरठ, गाजियाबाद और दिल्ली से गुरूग्राम में नौकरी के लिए जाने वाले लोगों को फायदा होगा। मेक इन इंडिया पहल के तहत दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के लिए आधुनिक यूरोपीय ट्रेन कंट्रोल सिस्टम लेवल-2 (ईटीसीएस एल-2) सिग्नलिंग प्रणाली से यह संभव हो सकेगा।
गुरुग्राम से मेरठ तक बनेगे तीन कारिडोर
टीसीएस एल-2 सिग्नलिंग टेक्नोलॉजी को अपनाने से परिचालन क्षमता मजबूत होगी। रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम के तीन कॉरिडोर में पहला दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ दूसरा दिल्ली-गुरूग्राम-एसएनबी-अलवर और तीसरा दिल्ली-पानीपत है। तीनों कॉरिडोर पर जाने वालीं अलग अलग रैपिड रेल प्रत्येक स्टेशन पर निश्चित समयांतराल पर पहुंचेंगी। यात्री को जिस कॉरिडोर पर सफर करना होगा, वह उस कॉरिडोर पर जानी वाली रैपिड रेल में सवार होगा। इसलिए यात्रियों को पानीपत और गुरूग्राम तक जाने के लिए बीच में दूसरी रैपिड रेल नहीं बदलनी होगी।
यह भी पढ़ें- उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस पर जनता को मोदी, अमित शाह, राजनाथ, योगी सहित ढेर सारे नेताओं की शुभकामनाएं
अब पाइए अपने शहर ( Meerut News in Hindi) सबसे पहले पत्रिका वेबसाइट पर | Hindi News अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें Patrika Hindi News App, Hindi Samachar की ताज़ा खबरें हिदी में अपडेट पाने के लिए लाइक करें Patrika फेसबुक पेज